पानीपत। मेवा लाल डहरिया ने इंडियनऑयल की पानीपत रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स (पीआरपीसी) में कार्यकारी निदेशक व रिफाइनरी प्रमुख, (पीआरपीसी) के रूप में पदभार ग्रहण किया। मेवा लाल डहरिया ने 13 अगस्त, 2022 को इंडियनऑयल की पानीपत रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स (पीआरपीसी) के कार्यकारी निदेशक व रिफाइनरी प्रमुख, (पीआरपीसी) के रूप में पदभार ग्रहण किया। पीआरपीसी इंडियनऑयल और देश में अपनी तरह का सबसे बड़ा एकीकृत रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स है।
कार्यभार संभालने से पहले, डहरिया पीआरपीसी में कार्यकारी निदेशक के पद पर कार्यरत थे
पीआरपीसी के कार्यकारी निदेशक व रिफाइनरी प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, डहरिया पीआरपीसी में कार्यकारी निदेशक (तकनीकी) के पद पर कार्यरत थे। इससे पहले, उन्होंने इंडियनऑयल के रिफाइनरी मुख्यालय, नई दिल्ली में कार्यकारी निदेशक (रखरखाव एवं निरीक्षण) के रूप में काम किया था। जहां उन्होंने एम एंड आई विभाग के अंतर्गत समन्वय सहित विभिन्न रिफाइनरियों में उपकरणों को सुव्यवस्थित करने जैसे कार्यों तथा लंबे समय से लंबित मुद्दों के समाधान और बहाली के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ।
सभी तकनीकी पहलुओं की देखरेख शुरू
पीआरपीसी के प्रमुख होने के नाते, उन्होंने पीआरपीसी में दिन-प्रतिदिन के कामकाज के साथ इस मेगा कॉम्प्लेक्स में चल रही महत्वपूर्ण परियोजनाओं की गतिविधियों के सभी तकनीकी पहलुओं की देखरेख शुरू कर दी है। डहरिया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रायपुर से मैकेनिकल इंजीनियर हैं। इंडियनऑयल में उनकी यात्रा अप्रैल 1992 को मथुरा रिफाइनरी में शुरू हुई थी। उनके पास रिफाइनिंग परिचालन और रखरखाव में 3 दशकों से अधिक का समृद्ध अनुभव है, उन्होंने इंडियनऑयल की मथुरा, हल्दिया एवं पानीपत रिफाइनरियों के साथ-साथ रिफाइनरी मुख्यालय, नई दिल्ली में काम किया है।
व्यावसायिक व तकनीकी बौद्धिक-प्रखरता के धनी हैं डहरिया
डहरिया एक व्यावसायिक व तकनीकी बौद्धिक-प्रखरता के धनी हैं जिन्हें रिफाइनरियों की रोटेटिंग उपकरणों की समस्याओं के निवारण एवं विभिन्न टर्नअराउंड के निष्पादन में व्यापक अनुभव है। इसके अलावा श्री डहरिया को विदेश में रिफाइनरियों के पूर्ण टर्नअराउंड की योजनाओं के निष्पादन को शटडाउन शेड्यूल और व्यय के भीतर रखने का भी व्यापक अनुभव है। उन्होंने भारत सरकार की समय सारिणी से काफी पहले ही बीएस-वी आई मानक, पेट्रोल एवं डीज़ल ईंधन के उत्पादन के लिए मथुरा रिफाइनरी की डीएचडीएस और प्राइम-जी इकाई के बड़े सुधार सहित मेगा शटडाउन को पूरा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।