मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग ने किडनी स्वस्थ रखने को लेकर किया जागरूक

  • डायबिटीज और हाइपरटेंशन क्रोनिक किडनी डिजीज के 60 फीसदी से अधिक मामलों की वजह
  • क्रोनिक किडनी डिजीज के तेजी से बढ़ते मामलों के पीछे जागरुकता का अभाव

 

आज समाज डिजिटल, पानीपत :

 

पानीपत : मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग दिल्ली के डॉक्टर्स ने विश्व स्वास्थ्य दिवस से पहले, आज, क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) के कारण रीनल फेल्योर की घटनाओं में हुई बढोतरी को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए जागरुकता सत्र आयोजित किया। जागरुकता सत्र में नेफ्रोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट मेडिसिन, मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग के एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर मनोज अरोड़ा, यूरोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट के डायरेक्टर डॉक्टर वाहीदू जमां और यूरोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर रजत अरोड़ा मौजूद थे। मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग के डॉक्टर्स ने स्वस्थ किडनी के महत्व के साथ ही क्रॉनिक किडनी डिजीज के मरीजों के जीवन को बेहतर बनाने में सक्षम हालिया एडवांसमेंट्स को लेकर जानकारी दी।

 

क्रॉनिक किडनी डिजीज से पीड़ित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है

क्रॉनिक किडनी डिजीज से पीड़ित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और पिछले एक दशक में लगभग दोगुनी हो गई है। मरीज जब एक बार रीनल डिजीज के आखिरी चरण में पहुंच जाता है, तब मरीज को जीवन भर डायलिसिस की जरूरत होती है या फिर किडनी ट्रांसप्लांट कराना होता है। भारत में किडनी की बीमारी का बोझ बढ़ाने वाले मुख्य रिस्क फैक्टर्स में डायबिटीज और हाइपरटेंशन भी शामिल हैं। अकेले डायबिटीज और हाइपरटेंशन ही सीकेडी के 60 फीसदी से अधिक मामलों के लिए जिम्मेदार हैं। इस तरह की डरा देने वाली वृद्धि के साथ इन मामलों के और बढ़ने के आसार हैं।

 

प्रत्येक तीन में से एक मरीज के परिवार में कोई संगत डोनर नहीं है

डॉक्टर मनोज अरोड़ा ने समय पर उपचार के महत्व की चर्चा की और कहा, “किडनी फेल्योर के मरीजों में से अधिकांश किडनी ट्रांसप्लांट के इंतजार में मेंटेनेंस डायलिसिस पर हैं और प्रत्येक तीन में से एक मरीज के परिवार में कोई संगत डोनर नहीं है। जैसा कि अधिकांश लोगों में एडवांस स्टेज तक डिजीज के बढ़ने के कोई सिम्पटम नजर नहीं आते हैं, इसलिए हर साल इसका टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। एक बार अगर किडनी फंक्शंस 10 फीसदी से नीचे आ गए तो मरीज को जीवन भर डायलिसिस की जरूरत होगा या रीनल ट्रांसप्लांट कराने की जरूरत होगी। इस तरह की स्थिति का शुरुआती दौर में ही पता लगाने के लिए नियमित हेल्थ चेकअप जरूरी है। इससे मरीज और समाज पर वित्तीय बोझ कम करने में भी मदद मिल सकेगी। ” क्रोनिक किडनी डिजीज के तेजी से बढ़ते मामलों के पीछे कई कारण हैं। इनमें डायबिटीज, हाइपरटेंशन, दवाओं का दुरुपयोग, गंभीर डिहाइड्रेशन, असंतुलित आहार और दर्द निवारक दवाओं का अनियंत्रित उपयोग, बार बार किडनी में पथरी होना, आदि क्रॉनिक किडनी डिजीज के मरीजों की बढ़ती तादाद के पीछे प्रमुख कारक हैं।

 

इस बीमारी की तेज रफ्तार और मृत्यु दर पर अंकुश लगाया जा सकता है

डॉक्टर वाहीदू जमां ने कहा, “रोबोटिक्स और लैप्रोस्कोपी के आने के बाद से रीनल ट्रांसप्लांट सर्जरी के क्षेत्र में क्रांति आई है। कम से कम कॉम्प्लिकेशंस के साथ ये बहुत आसान हो गया है। रोबोट असिस्टेड सर्जरी ने इंट्रा-ऑपरेटिव कॉम्प्लिकेशंस का बेहतर मैनेजमेंट सुनिश्चित किया है और ये बेहतर, सुरक्षित बन गया है। पिछले कुछ वर्षों में, रीनल रिप्लेसमेंट और ऑर्गन सपोर्ट में कई एडवांसेज हुए हैं। रोबोट-असिस्टेड रीनल ट्रांसप्लांटेशन बेहद उपयोगी हो गया है। रोबोट असिस्टेड रीनल ट्रांसप्लांटेशन की वजह से तेज रिकवरी तो होती ही है, कम दर्द और छोटे निशान के साथ मरीज जल्दी ठीक होते हैं। ” इस बीमारी को लेकर जागरुकता का अभाव लगातार बढ़ते मरीजों की संख्या और मृत्यु दर के प्रमुख फैक्टर्स में से एक है जिसकी वजह से ये भारत में सबसे कम रिपोर्ट की गई, सबसे कम पहचान की गई बीमारी बनी हुई है। जनता को इस संबंध में जागरूक किया जाना चाहिए कि समय पर पहचान, नेफ्रोलॉजी के क्षेत्र में एडवांस्ड ट्रीटमेंट मॉड्यूल्स के जरिए इस बीमारी की तेज रफ्तार और मृत्यु दर पर अंकुश लगाया जा सकता है।

 

इस प्रक्रिया में काफी कम दर्द होता है

डॉक्टर रजत अरोड़ा ने कहा, “लेप्रोस्कोपिक डोनर नेफ्रेक्टोमी हमारे सेंटर में उपलब्ध है। इस प्रक्रिया में काफी कम दर्द होता है और ये कम मोरबिडिटी, मरीज को जल्दी डिस्चार्ज के साथ बेहतर कॉस्मेटिक परिणाम भी देता है। लगभग एक तिहाई मरीजों को समान ब्लड ग्रुप वाले दानकर्ता परिवार में नहीं मिल पाते हैं। लिहाजा एबीओ—इनकंपैटिबल ट्रांसप्लांटेशन चिकित्सा क्षेत्र की नई मांग हो गई है। हाल के दिनों में मैक्स अस्पताल शालीमार बाग में रीनल स्वैप ट्रांसप्लांटेशन की उपलब्धता और अन्य उन्नतियों के साथ, हम विभिन्न प्रकार के रोगियों को एक नया जीवन प्रदान करने में सक्षम हुए हैं।“

 

 

 

 

यह भी पढ़ें : सांसद कार्तिक शर्मा ने नदियों में प्रदूषण का मामला उठाया

यह भी पढ़ें : फसल बर्बादी के मुआवजे की मांग को लेकर 6 अप्रैल को सड़कों पर उतरेंगे किसान

यह भी पढ़ें : सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा 28 मई को जींद में करेगा जोरदार रैली : शिवदत्त शर्मा

Connect With Us: Twitter Facebook

Anurekha Lambra

Recent Posts

Neeraj Chopra Wedding: भारत के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा शादी के बंधन में बंधे, फैंस की बधाइयों की बाढ़

Neeraj Chopra Wedding: भारतीय एथलेटिक्स के पोस्टर बॉय और स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने…

31 minutes ago

Sapna Choudhary Dance Video: क्वीन ऑफ एक्सप्रेशंस’ सपना चौधरी ने फिर लूटा दिल, ठुमको ने हिला डाला पूरा इंटरनेट

Sapna Choudhary Dance Video: हरियाणवी डांसिंग क्वीन सपना चौधरी का जादू एक बार फिर छा…

51 minutes ago

Haryana Sikh Gurdwara Management Committee Election: हरियाणा पंथक दल के नवनिर्वाचित सदस्य जगदीश सिंह झींडा देंगे इस्तीफा

चुनाव में उम्मीद के मुताबिक जीत नहीं मिलने के कारण झींडा ने लिया फैसला Haryana…

2 hours ago

Haryana News: पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को हरियाणा सरकार के कामों की तारीफ करनी चाहिए: विपुल गोयल

हरियाणा के कैबिनेट मंत्री ने पूर्व सीएम को दी सकारात्मक राजनीति करने की सलाह दी…

3 hours ago

Punjab-Haryana High Court News: हरियाणा में शिफ्ट अटेंडेंट भर्ती पर कल हाईकोर्ट सुनाएगा फैसला

एचएसएससी ने 2016 में 2426 शिफ्ट अटेंडेंट की निकाली थी भर्ती Chandigarh News (आज समाज)…

3 hours ago