Panipat News अंसल सुशांत सिटी की तरह टीडीआई में भी है हजारों करोड़ का घोटाला 

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पानीपत। अंसल सुशांत सिटी की तरह टीडीआई में भी है हजारों करोड़ का घोटाला नगर निगम और डीटीपी विभाग की पूरी तरह मिली भगत, निष्पक्ष जांच में संदेह, सीबीआई से हो जांच यह बात जोगेंद्र स्वामी पूर्व जिला पार्षद में प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि डीटीपी पानीपत की नीयत पर संदेह है, क्योंकि  इसके द्वारा पहले भी अंसल में हुए करोड़ों के घोटाले को दबाने का प्रयास किया था जहां अंसल मालिक और उसके मैनेजरों के ऊपर षड्यंत्र के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री करने के अपराधिक मुकदमे दर्ज होने थे, इन अधिकारियों ने केवल 7 ए वायलेंस के मुकदमा दर्ज करवाने की सिफारिश की गई। इसी प्रकार यह अब टीडीआई के पार्कों में, ग्रीन बेल्ट की रजिस्ट्री के मामले यूडीलैंड को बिना प्लानिंग बेचने का इतना बड़ा अपराध टीडीआई मालिक, उसके मैनेजरों कुछ प्रभावशाली नेताओं के ऊपर बनता है। उससे बड़ा अपराध डीटीपी पानीपत के ऊपर बनता है जिनके इशारे पर इस प्रकार के कार्यों को अंजाम दिया गया।
उन्होंने कहा कि पार्षद पति विजय सहगल ने टीडीआई मालिक और उसके मैनेजरों के इशारे पर नगर निगम एटीपी योगेश तोमर के साथ मिलीभगत करके पार्क और यूडीलैंड लैंड की प्रॉपर्टी आईडी बनवाई जिसमें एक पार्क की 1284 गज जमीन की प्रॉपर्टी आईडी इसके फोन नंबर से बनाई गई है इसी प्रकार एक मनोनीत पूर्व पार्षद नरेंद्र सुरा द्वारा पार्क की 200 गज कि प्रॉपर्टी आईडी बनाई इसके साथ-साथ इसके द्वारा एक यूडीलैंड जिसका नंबर सी-161 ए ,440 गज कि प्रॉपर्टी आईडी बना दी गई।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को शहर की जनता अपना रहनुमा समझती है जिन पार्षदों को जनता अपना प्रतिनिधि  चुनती हैं अगर वही लोग अपना स्वाभिमान बेचकर लोगों का गला घोटने का कार्य करेंगे तो फिर ऐसे में आम आदमी कहां सुरक्षित हो सकता है उन्होंने बताया कि इस मामले में शहर के कई ऐसे बड़े चेहरे हैं, जिनको लोग अपना आदर्श समझते हैं, लेकिन वह भी यहां पैसे की चमक में अंधे होकर अपना जमीर बेचने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तहसीलदार द्वारा भी अर्जीनविसो के साथ मिलीभगत करके सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाने का कार्य किया गया जहां टीडीआई में सर्किल रेट 23000 रुपये गज है वहीं पर पार्क और यूडीलैंड लैंड को लगभग 3000 रुपए गज के हिसाब से बेचा दिखाया गया है, जो खुद में ही एक बहुत बड़ा घोटाला है इस मामले में भी डीड राइटर से लेकर तहसीलदार तक कि राजस्व की करोड़ों रुपए की चोरी के मामले में आपराधिक मामले दर्ज होने चाहिए।
उन्होंने कहा की टीडीआई मालिक अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके इस मामले को दबाने का प्रयास कर रहे हैं जिसके तहत उनके द्वारा अपने मैनेजरों के ऊपर मुकदमा दर्ज करने के लिए थाना चांदनी बाग में शिकायत दी है ताकि वह इस मामले से निकल जाए लेकिन कोई भी भ्रष्टाचार होता है। उसकी जिम्मेदारी उस कंपनी की है ना कि मैनेजर की क्योंकि इस भ्रष्टाचार में टीडीआई मालिक खुद मिला हुआ है और इसके इशारे पर ही इस प्रकार के घोटाले को अंजाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि जब तक वह लोगों के लिए हरियाली के लिए छोड़ी गई जगह को षड्यंत्र के तहत जालसाजी, फर्जीवाड़ी और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री करवा कर बेचने वाले टीडीआई मालिक उसके मैनेजर नगर निगम के एटीपी तहसीलदार और इस भ्रष्टाचार में  शामिल तमाम सफेदपोश और भ्रष्ट अधिकारियों को जेल के दरवाजे तक नहीं छोड़ेंगे तब तक वह इस लड़ाई को लड़ते रहेंगे क्योंकि यह आम आदमी की लड़ाई है जिनके हकों को पूंजीपत्तियों और भ्रष्ट अधिकारी ने लूटने का काम किया है।