हरी हत्याकांड में में 14 आरोपियों को उम्रकैद की सजा

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Panipat News/Life sentence for 14 accused in Hari murder case
Panipat News/Life sentence for 14 accused in Hari murder case
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। गांव छाजपुर में पंचायती जमीन के विवाद में जून, 2016 में हुए हरी हत्याकांड में कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया है। अतिरिक्त जिला एवं न्यायधीश अमित गर्ग की कोर्ट ने 14 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं, 2 आरोपियों सुनील पुत्र जगपाल व जोनी पुत्र सहाब सिंह को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। कोर्ट ने हर दोषी पर 1.75 लाख का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न देने पर दोषियों को 1-1 साल की अतिरिक्त सजा भी भुगतनी होगी।

ये है पूरा मामला

सदर थाना पुलिस को दी शिकायत में गांव छाजपुर खुर्द निवासी हुक्म सिंह ने बताया कि 12 जून 2016 की दोपहर करीब डेढ़ बजे बाद वह अपने बेटे भज्जी व हरी पुत्र राकेश के साथ ट्रैक्टर पर सवार होकर पानीपत से अपने घर जा रहे थे। उसके बेटे छज्जू ने बाइक गांव के अड्‌डे पर एक दुकान के सामने खड़ी की हुई थी। बाइक उठाने के लिए उसका बेटा भज्जी व हरि ट्रैक्टर से नीचे उतर गए। जैसे ही भज्जी ने बाइक स्टार्ट की वैसे ही वहां कई बाइक पर सवार होकर सुनील पुत्र जगपाल, रवित पुत्र रमेश, विक्की पुत्र जसवंत, शीला पुत्र पारस, सुमित पुत्र जगदीश, रिंकू पुत्र राय सिह, सुंदर पुत्र ओम सिंह, राजेश पुत्र प्रेम, संजय पुत्र बिशनी, अंकुश पुत्र राजेंद्र, जगदीश पुत्र देवी सिंह, तेजपाल पुत्र नरसिंह, जोनी पुत्र साहब सिंह, सचिन पुत्र खल्ला वहां आए। सभी के हाथों में तलवार, पिस्तौल, हॉकी, सरिए, लकड़ी के बिंडे, गंडासी समेत अन्य हथियारों संग वहां आए।

हरि की 14 जून 2016 को मौत हो गई थी

सभी बाइकों से नीचे उतरे और एकसाथ भज्जी व हरि पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। वारदात के दौरान राजेश पुत्र प्रेम ने ललकारा देकर कहा कि इन दोनों को जान से मारना है, क्योंकि ये हमारी पंचायती जमीन को छुड़वाने में ज्यादा जोर लगा रहे हैं।  हुक्म सिंह ने उन्हें रोकने के लिए मदद की गुहार लगाने के लिए आवाजें भी लगाई, मगर बदमाश नहीं रुके। दोनों को अधमरा कर बदमाश मौके से हथियारों को लहराते हुए अपनी बाइक पर सवार होकर फरार हो गए। जाते वक्त बदमाश संजय पुत्र बिशनी ने धमकी दी ये तो जान से मार दिए हैं, तुने कोई कार्रवाई करने की कोशिश की तो तुझे भी जान से मार देंगे। दोनों घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से बिशन स्वरुप कॉलोनी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां इलाज के दौरान हरि की 14 जून 2016 को मौत हो गई थी।