आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत : जिले में वकीलों ने शुक्रवार को पुलिस प्रशासन के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए वर्क सस्पेंड किया। उल्लेखनीय है कि 6 दिसंबर को पुलिस विभाग द्वारा बनाई गई दलालों की सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। दलालों की सूची में दो वकीलों का नाम आने पर वकीलों ने रोष प्रकट करते हुए वर्क सस्पेंड कर दिया है। वकीलों ने आरोप लगाया कि पुलिस विभाग में सबसे ज्यादा रिश्वतखोरी होती है। अधिकारियों ने जिस प्रकार दलालों की सूची निकाली है, उसी प्रकार अपने विभाग की सूची तैयार कराए। वकीलों का नाम डालकर छवि खराब करने का प्रयास किया गया है।
दलालों की सूची में दो वकीलों के नाम गलत प्रकाशित किए
पुलिस ने दलालों की सूची में दो वकीलों के नाम गलत प्रकाशित किए हैं, जबकि असली दलाल सरेआम दलाली करते हैं। समाजसेवियों को दलाल का नाम देकर पुलिस ने उनकी छवि धूमिल की है। उन्होंने कहा कि वे अब कोर्ट में मानहानि का केस करने की तैयारी करेंगे। वकील इरफान अली ने कहा कि साल 2017 में किला थाने का उद्घाटन किया गया था। उस समय आईजी करनाल सुभाष यादव पानीपत आए थे। उन्हें भी अतिथि के तौर पर बुलाया गया था। वह हमेशा सामाजिक कार्य करता आया है, जब भी किला थाने में दो समुदायों की बात आई तो पुलिस उन्हें थाने बुलाती रही है। कभी किसी के नाम से रुपए नहीं लिए। किसी ने रंजिशन उनका नाम सूची में जुड़वाया, जो गलत है।
एक नज़र मामले पर
पानीपत पुलिस ने चौकी थानों में सक्रिय 63 दलालों की सूची तैयार की है। सूची में वकील, होमगार्ड, एसपीओ, पूर्व सरपंच तक शामिल हैं। एसपी ने कहा कि यह सब पुलिस के नाम पर शिकायतकर्ता से पैसे लेते हैं, जिससे पुलिस की छवि धूमिल होती है। इन दलालों को थाने चौकी में नहीं घुसने दिया जाए। सूची वायरल होते ही शहर में हड़कंप मचा हुआ है।
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