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पानीपत। जिले के गांव बराना में गत सायं एक आठ वर्षीय बच्चे के अपहरण का मामला सामने आया है। अपहरणकर्ता ने एक चिट्ठी के जरिए बच्चे को छोड़ने की एवज में 15 लाख रुपए की फिरौती की मांग की है। पुलिस के मुताबिक चिट्ठी में लिखा है कि बच्चा उनके पास है। उनको 15 लाख रुपए चाहिए। जब पैसों का इंतजाम हो जाए तो घर के बाहर क्रॉस का निशान लगाकर लिख देना कि ‘पैसा तैयार है। अगर पुलिस को बताया तो बच्चे की लाश मिलेगी। ऐसे में परिजन घर के बाहर ‘पैसा तैयार है’ लिखकर बच्चे का इंतजार करते रहे हैं। वहीं बच्चे की हर संभव स्थान पर तलाश करने के बाद भी बच्चे का कोई सुराग हाथ नहीं लगा। परिजनों ने सेक्टर 13-17 थाना पुलिस पुलिस में शिकायत दी। इसके बाद सीआईए की तीनों टीमें मौके पर पहुंची और मामले की जांच पड़ताल शुरू की। इस दौरान आसपास के सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले गए, लेकिन देर शाम तक कोई सुराग नहीं लगा।
हालांकि तमाम मिले सबूतों केे आधार पर मंगलवार को सीआईए पुलिस टीम ने रौनक की मां सीमा व ताई को पूछताछ के लिए हिरासत मेंं लिया है। वहीं रौनक की मां से पुलिस ने 6 बार अलग अलग पेज पर वही चिट्ठी लिखवाई, जो चिट्ठी अपहरणकर्ता द्वारा उनके घर मेंं फेंकी गई थी।
ये है मामला
गांव बराना निवासी शिवकुमार ने बताया कि वो पेशे से एक किसान है और उसका नौ वर्षीय बेटा रौनक कक्षा दूसरी का छात्र है। सोमवार दोपहर को रौनक घर के बाहर खेल रहा था, जबकि उसकी मां घर पर ही थी। इस बीच करीब ढाई बजे उसकी मां पशुबाड़े में पशुओं को चारा डालने गई तो रौनक कहीं नहीं मिला। उन्होंने आसपास रौनक की तलाश शुरू की, लेकिन उसका कोई भेद नहीं मिला। तभी परिजनों को घर पर पत्थर में लिपटा हुआ एक कागज दिखा। कागज पर लिखा हुआ था कि बच्चा उनके पास है। उनको 15 लाख रुपए चाहिए। जब पैसों का इंतजाम हो जाए तो घर के बाहर क्रॉस का निशान लगाकर लिख देना कि ‘पैसा तैयार है। ये कागज मिलते ही पूरे गांव में हड़कंप मच गया। देखते ही देखते ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई।
मामले की विभिन्न पहलुओं से जांच जारी
आसपास के गांव में बच्चे की तलाश की गई। फिर इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम में दी गई। सूचना मिलते ही डीएसपी संदीप कुमार और एसएचओ विजय कुमार मौके पर पहुंचे। पुलिस ने माता-पिता और ग्रामीणों से पूछताछ की। गांव में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई, लेकिन देर शाम तक मामले में कोई सुराग नहीं लगा है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। डीएसपी संदीप कुमार ने बताया कि बच्चे के अपहरण की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर गई थी। पुलिस ने ग्रामीणों से पूछताछ की है। सीआईए की टीमें जांच में जुट गई हैं। मामले की विभिन्न पहलुओं से जांच जारी है।
शक के दायरे में अपने भी
15 लाख रुपए की फिरौती के लिए 8 वर्षीय बच्चे के अपहरण की वारदात में किसी अपने के होने के अनेकों सबूत दे चुका है। पुलिस ने उन सभी सबूतों को भी जमा कर लिया है। इन सबूतों के आधार पर पुलिस संदिग्धों के अलावा लगातार बच्चें के परिजनों, रिश्तेदारों, पड़ोसियों समेत उसके साथ खेलने वाले बच्चों तक से पूछताछ कर रही है। पूरे गांव की चारों ओर से घेराबंदी करते हुए अनेकों के बयान अलग-अलग जगह दर्ज कर रही है। बयानों के आधार पर भी पुलिस के हाथ कई अहम जानकारियां लगी है। पुलिस जांच के अनुसार वारदात में किसी अपने के होने के अनेकों तथ्ये सामने आए।
शातिरता से दिया वारदात को अंजाम
गांव बराना का रहने वाला अपहृत रौनक के पिता शिवकुमार ने बताया कि गांव में ही उसके दो मकान है। जिनमें से एक मकान को पशुबाड़े के रुप में प्रयोग करते हैं। इस पशुबाड़े में ही फिरौती की चिट्ठी मिली थी। अब बड़ी बात यह है कि इस पशुबाड़े के साथ लगते मकान के बाहर दो दिशाओं में दो सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। वारदात के बाद जब ये दोनों सीसीटीवी चेक किए तो उनमें कोई भी पशुबाड़े की ओर आता हुआ, चिट्ठी फेंकता हुआ या वहां रेकी आदि करता हुआ दिखाई नहीं दिया। यानि आरोपी को पता था कि उसने इन दोनों कैमरों से कैसे बचना है। किस जगह से चिट्ठी घर के भीतर फेंकनी है। मकान के साथ लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग के मुताबिक पशुबाड़ा में दोपहर करीब ढाई बजे मां गई थी, जिसे चिट्ठी मिली थी। मगर मां से कुछ ही देर पहले पिता शिवकुमार भी गया था। मगर उन्हें वह चिट्ठी नहीं मिली। पिता के जाने के बाद पशुबाड़े की ओर कोई आया भी नहीं। यानि चिट्ठी पशुबाड़े के ऊपर बने मकान की छत से फेंके जाने का शक पुलिस जता रही है।
चिठ्ठी और दीवार की लिखावट मिलती जुलती
चिट्ठी मां को मिली। मां ने ही पढ़ी। मां ने मजाक समझ कर दूसरी जगह फेंक दी थी। परिजनों को बताया था। परिजन शिकायत लेकर थाने जा रहे थे कि मां ने परिजनों की गैर मौजूदगी में पशुबाड़े और पशुबाड़े से करीब 300 मीटर दूर स्थित मकान की दीवार पर चिट्ठी के मुताबिक पैसा तैयार लिख कर काटा का निशान बना था। मौके पर जब पुलिस पहुंची तो पुलिस ने चिट्ठी को बरामद किया। इसके बाद चिट्ठी और दीवार की राइटिंग का मिलान किया गया, जोकि काफी मिलती जुलती थी। मगर पूरी तरह से मिलान नहीं हुआ था। आनन-फानन में दोनों राइटिंग को मधुबन लैब भी भेजा गया। वहीं, बच्चे के बैग से एक ड्राइिंग की कॉपी भी मिली है। इस कॉपी के अलावा प्लेन पेज भी मिले हैं। इसी तरह के प्लेन अथवा ड्राइिंग पेज पर फिरौती भरी चिट्ठी लिखी गई है।
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