Panipat News खरखौदा हड़ताल: एक्शन मोड़ में सीएमओ, एचकेआरएम कर्मियों को नोटिस, सरकारी गाड़ी जुआं सीएचसी भेजने के निर्देश

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खरखौदा। शहर के सरकारी अस्पताल में एसएमओ व स्टाफ नर्स के खिलाफ वर्क सस्पेंड पर चल रहे चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड के कर्मचारी भी शामिल हैं।
जिन्हें सोमवार को सिविल सर्जन, सोनीपत डा. जयकिशोर ने काम पर लौटने के आदेश जारी किए हैं, उन्हें नोटिस देते हुए काम पर लौटने का आखिरी मौका दिया जा रहा है। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो एचकेआरएनएल पालिसी के तहत अगामी कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा। जिसके वे खुद जिम्मेदार होंगे। इसके अतिरिक्त
खरखौदा अस्पताल की सरकारी गाड़ी को जुआं सीएससी में भिजवाने के भी आदेश दिए हैं। क्योंकि सीएचसी जुआं की गाड़ी खराब हो गई है।
पीएचसी फरमाना में तैनात डेंटल सर्जन डॉ गीता हुड्डा को आगामी 14 दिनों के लिए सीएचसी जुआं भेजा गया है। 6 अगस्त को जुआ सीएससी में रिपोर्ट करने के निर्देश दिए हैं।
इसके अतिरिक्त जेकेआरएन स्वीपर सुनीता व अलका को खरखौदा अस्पताल से हलालपुर सीएससी में भेजा गया है। स्वीपर आशा और सुमन को सीएचसी बड़खालसा में ट्रांसफर किया गया है। जो कि 31 अक्टूबर तक उनकी ड्यूटी वहां रहेगी। इससे पहले हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों को नो वर्क नो पे के तहत वेतन काटने के भी निर्देश दिए गए थे।
खरखौदा के सरकारी अस्पताल में बीते 19 दिनों से एक एसएमओ, चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही एचकेआरएनएल के कर्मचारी भी वर्क सस्पेंड किए हुए हैं। जिनकी मांग एसएमओ व स्टाफ नर्स के तबादला किए जाने की है। बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग की तरफ से खरखौदा के सरकारी अस्पताल की चरमराई हुई स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के लिए वर्क सस्पेंड पर चल रहे एसएमओ डा. सत्यपाल से अस्पताल का चार्ज लेकर डिप्टी सीएमओ डा. स्वराज चौधरी को दिया गया था। जो फिलहाल छुट्टियों पर चली गई है और खरखौदा का अस्पताल खुद वेंटीलेटर की स्थिति में पहुंच गया है। जहां पर किसी भी मरीज को दवा नहीं मिल पा रही है।
वहीं सोमवार को सिविल सर्जन की तरफ से अस्पताल में तैनात एचकेआरएनएल कर्मियों को भी नोटिस जारी कर दिया गया। जो कर्मी वर्क सस्पेंड किए हुए हैं उन्हें नोटिस जारी करते हुए सिविल सर्जन डा. जयकिशोर ने तत्काल प्रभाव से काम पर लौटने की बात कही है। उनकी तरफ से हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड की पालिसी और दिशा निर्देशों का भी हवाला दिया है। जबकि चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मियों व अन्य स्टाफ वर्क सस्पेंड पर जोर दिए हुए है।