आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। श्री सिद्ध बाबा कांशि गिरी मंदिर में जन सेवा दल द्वारा आयोजित अवधूत गीता प्रवचन के अंतर्गत स्वामी विशुद्धानंद की प्रेरणा से मानव चेतना आश्रम ऋषिकेश से पधारे स्वामी ब्रह्मानंद ने समारोह में कहा कि गीता जी में मानव को स्वच्छता से ज्यादा शुद्धता पर ध्यान देते हुए ज्ञान प्राप्ति हेतु तन व मन की एकाग्रता का संदेश योगीराज श्री कृष्ण ने अर्जुन को दिया है। कर्तव्य पथ का अनुसरण करने वाले सेवक पर ही भगवान की अटूट कृपा होती है, इसलिए हमें धर्म के साथ कर्म योग को जीवन का लक्ष्य मानना चाहिए। यही गीता जयंती का दिव्य संदेश है।
सेवा में कभी भी करता भाव का अभिमान नहीं आना चाहिए
स्वामी ने जन सेवा दल की सेवाओं की दरिद्र नारायण की सेवा की संज्ञा दी। उन्होंने इसी बीच शांति देव की दान भावना ऋषि दधिची द्वारा हड्डियों का दानवीर कर्ण की महिमा को उजागर करते हुए जीवन में सदैव सेवा भाव अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने माता-पिता की सेवा को श्रवण कुमार बनकर जीवन में धारण करें, हमें सेवा में कभी भी करता भाव का अभिमान नहीं आना चाहिए। समारोह में प्रधान किशन मनचंदा, चमन गुलाटी, युद्धिष्ठार शर्मा, जयप्रकाश, राम बुद्धि राजा, कृष्ण गोपाल शेट्टी, राजकुमार मनोचा, कमल गुलाटी, अशोक मिगलानी, लेखराज जताना, जगन्नाथ नागपाल, कपिल ग्रोवर, श्याम लाल, सुभाष ग्रोवर, कश्मीर मंदिर के प्रधान हरीश खुराना, मदन खट्टर व पूर्ण बजाज आदि मौजूद रहे।