• महात्मा ज्योतिबा फूले की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। देश में छुआछूत आदि बुराइयों को दूर करने के लिए जितना कार्य महात्मा ज्योतिबा फूले ने किया उतना किसी ने नहीं किया। यह शब्द भाजपा अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश सचिव एवं नगर निगम पार्षद अशोक कटारिया ने महात्मा ज्योतिबा फूले जन कल्याण समिति द्वारा आयोजित महात्मा फूले जयंती कार्यक्रम में असंध रोड़ स्थित जेके बाल विद्या मंदिर में कहे। उन्होंने कहा कि महात्मा फुले ऐसे समय में पैदा हुए जब देश दासता की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, समाज में छुआछूत का बोलबाला चरम पर था।  कुरीतियां समाज में पैर जमाए खड़ी थी। ऐसे समय में 11 अप्रैल 1827 को महाराष्ट्र के पुणे के पास एक गांव में चिमना बाई एवं गोविन्दराव के घर ज्योतिबा ने जन्म लिया। कटारिया ने घोषणा की कि नगर निगम की सीमा में महात्मा ज्योतिबा फूले के नाम पर मार्ग, द्वार, सामुदायिक केंद्र व पुस्तकालय का निर्माण किया जाएगा।

इंसान शिक्षित नहीं होगा तो उसका समग्र विकास नहीं हो पाएगा

कार्यक्रम में अंबेडकर विचारक युवा अधिवक्ता राम दास ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं एवं दलितों के लिए इस देश में सर्वप्रथम पाठशाला महात्मा ज्योतिबा फूले ने खोली। उन्होंने कहा उस समय में महिलाओं व दलितों को पढ़ने का अधिकार नहीं था। परंतु ज्योतिबा का मानना था कि जब तक इंसान शिक्षित नहीं होगा तब तक उसका समग्र विकास नहीं हो पाएगा। विपरीत परिस्थितियों में भी 18 पाठशालाएं खोल दी।

 

 

Panipat News/Jayanti of Mahatma Jyotiba Phule

डा. अम्बेडकर ने भी ज्योतिबा को अपना गुरु माना

जन कल्याण समिति के सचिव दलबीर आर्य ने अपने संबोधन में कहा कि उस जमाने में छुआछत इतना ज्यादा था कि दलितों को सुबह व शाम छाया के समय घरों से निकलना वर्जित था, ताकि उनकी परछाई भी किसी सवर्ण को न छुए। उन्होंने बताया कि यदि उनको घर से निकलना भी पड़ता तो थाली बजाते हुए चलना पड़ता था ताकि स्वर्ण सचेत हो जाएं कि कोई अछूत आ रहा है। आर्य ने बताया कि संविधान निर्माता डा. भीमराव अम्बेडकर ने भी ज्योतिबा को अपना गुरु माना है।

विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया

कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन व महात्मा ज्योतिबा फूले के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके हुआ। मंच संचालन सीए गोविंद सैनी ने किया। कार्यक्रम के अंत में छात्रों से महात्मा ज्योतिबा फूले के जीवन से संबंधित प्रश्न पूछे गए। विजेता छात्रों प्राची, प्रतीक, प्रियांशू, विशू, स्नेहा, हर्ष, कनिका, यशदीप, माफी, स्वाति को जन कल्याण समिति की ओर से पारितोषिक दिए गए। इस अवसर पर समिति प्रधान सतबीर सैनी , सचिव दलबीर आर्य, जे के बाल विद्या मंदिर प्रबंधक राजेश सैनी, लखमी चंद कश्यप, कामरेड माम चांद, सतीश सैनी पार्षद, डा. राजबीर आर्य, प्रदेश मीडिया प्रमुख भाजपा, ओबीसी मोर्चा,  सतीश सैनी, कपूर सैनी, महेंद्र प्रताप आर्य, सतीश सैनी किसान मोर्चा, वीरेंद्र सैनी, राम गोपाल सैनी, अनिल सैनी पार्षद, सुरेश सैनी, मनीष सैनी विद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।