पानीपत। डॉ. एमकेके आर्य मॉडल स्कूल में जन्माष्टमी उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने राधा-कृष्ण की वेशभूषा में सभी का मन मोह लिया। त्योहार हमारी संस्कृति की धरोहर हैं। इन पर्वों व त्योहारों के माध्यम से हमारी संस्कृति की वास्तविक पहचान होती है। त्योहारों का हमारे जीवन में विशेष महत्व है। ये त्योहार हमारी नीरसता को समाप्त कर उसमें नया उत्साह व खुशी का रस भरते हैं। इसके अतिरिक्त हमारी पारिवारिक, सामाजिक व राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। नन्हे-मुन्ने बच्चों ने इस अवसर पर भाषण, कविता, भजन, गीत एवं मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया।
शिक्षिकाओं ने बच्चों का खूब उत्साह बढ़ाया व बच्चों को चॉकलेट वितरित की
नन्हे-मुन्नों ने कृष्ण के गीतों पर नृत्य करते हुए सारे वातावरण को कृष्णमयी बना दिया। किसी बच्चे ने कृष्ण-कन्हैया की भूमिका निभाई तो कोई राधारानी के रूप में सुशोभित हुई। बच्चों की प्रस्तुति पर शिक्षिकाओं ने भी बच्चों का खूब उत्साह बढ़ाया व बच्चों को चॉकलेट वितरित की। इस दौरान भगवान श्री कृष्ण की झाँकी भी निकाली गई, जिसमें कृष्ण की बाल लीलाओं को दर्शाया गया। स्कूल परिसर को श्री कृष्ण जन्म के लिए शिक्षिकाओं द्वारा सजाया गया। कृष्ण जी का हिन्डोला सजाया गया। कन्हैया के रूप में सजे नन्हें-मुन्नों ने सबका मन मोह लिया।
कर्म करते रहना चाहिए, फल की इच्छा नहीं करनी चाहिए
विद्यालय के निदेशक रोशन लाल सैनी, प्रधानाचार्य मधुप परासर, शैक्षिक सलाहकार मंजू सेतिया ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने संदेश दिया कि व्यक्ति को अपना कर्म करते रहना चाहिए, फल की इच्छा नहीं करनी चाहिए। निष्काम भाव से किया गया कर्म ही सच्चा कर्म होता है। हमें सदा सत्य का साथ देना चाहिए। अपनी मेहनत और लगन से कठिन से कठिन समस्या का समाधान भी निकाला जा सकता है। उन्होंने बच्चों व शिक्षिकाओं को अपना आशीर्वाद देते हुए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व की बधाई दी।