पानीपत। स्वामी विशुद्धानन्द महाराज की प्रेरणा से स्वामी प्रीतम मुनि के आशीर्वाद और स्व. कैलाश ग्रोवर के सिद्धांतों पर चलते हुए सबसे पहले कृपाल आश्रम से आए परिचर रतन ने संत राजिंदर सिंह महाराज की तालीम से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। हर समय उस परम पिता परमात्मा का शुक्राना करना चाहिए। जब दुख में भी प्रभु को याद करते हैं तो सुख में भी याद करना चाहिए। जो निस्वार्थ भाव से सेवा करता है उसकी सेवा स्वीकार होती है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रेम सचदेवा रहे। सभी को आटे की थैली के साथ सौ -सौ रुपए भी दिए गए। क्योंकि रक्षाबंधन का त्यौहार आ गया है। सभी बहनों को रक्षाबंधन की भेंट प्रदान की और आशीर्वाद लिया।
जनसेवा दल कर रहा है बहुत सराहनीय सेवा
समाजसेवी प्रेम सचदेवा ने जनसेवा दल की तारीफ की और कहा कि जनसेवा दल पानीपत के लिए ही बहुत बड़ी मिसाल है, जो सेवा का कार्य पानीपत के अंदर जनसेवा दल कर रहा है वह बहुत सराहनीय सेवा है। सनातन धर्म से उपप्रधान युधिस्टर शर्मा ने और जनसेवा दल के प्रधान कृष्ण मनचंदा, सरदार इकबाल सिंह ने प्रेम सचदेवा का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। सचिव चमन गुलाटी ने कहा कि जब भी हमें सेवा के लिए समाज सेवी प्रेम सचदेवा को याद किया है, तन मन धन से सेवा की है। सुर सम्राट लेखराज जताना ने सावन मास की सभी को बधाई दी। सभी को लंगर भी खिलाया गया।
सेवा में इनका रहा सहयोग
इस सेवा में प्रधान किशन मन चन्दा, चमन गुलाटी, युधिस्टर शर्मा, राजू मनोचा, कमल गुलाटी, अशोक मिगलानी, जगन्नाथ नागपाल, श्यामलाल, नारायण कपूर, कपिल ग्रोवर, राजू कथूरिया, सुभाष इलाहाबादी व यश बांगा सहित जनसेवा दल के सभी सेवादारों ने सेवा की।