Aaj Samaj (आज समाज),Investigation of fake Intkal and registries,पानीपत: पानीपत जीटी रोड खसरा नंबर 720 में हुडा विभाग की सैकड़ों करोड़ की अर्जित भूमि पर तहसील कार्यालय की मिलीभगत से रेनू तनेजा, सुरेंद्र, सुषमा कक्कड़, शोभा, रविंदर, संजीव, जय लाल आदि के नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाने के मामले में हुडा प्रशासक रोहतक द्वारा इसकी जांच विजिलेंस पंचकूला को सौंप दी और उपायुक्त पानीपत को अपने कार्यालय द्वारा 21 जून को जारी पत्र में तहसील कार्यालय से मांगे गए रिकॉर्ड को ना भेजे जाने पर दोबारा रिकॉर्ड भेजने के लिए लिखा गया। इस मामले में शिकायतकर्ता जोगेंद्र स्वामी ने कहा कि इतनी तेजी से हो रही जांच मुख्य प्रशासक अजीत बालाजी जोशी और प्रशासक धीरेंद्र खटकड़ द्वारा ईमानदारी पूर्वक मामले को गंभीरता से संज्ञान लेने की कारण ही मामले की निष्पक्ष जांच हो रही है जिसमें खुद भूमि अर्जन अधिकारी और हुड्डा विभाग पानीपत ने माना कि यहां पर बहुत बड़ी गड़बड़ी हुई है।

 

  • शिकायतकर्ता जोगिंदर स्वामी ने कहा कि मुख्य प्रशासक और प्रशासक द्वारा ईमानदारी से करवाई गई जांच से अर्जन अधिकारी और हुडा विभाग ने माना मोटा फर्जीवाड़ा

 

 

प्रतियां मुख्य प्रशासक और प्रशासक हुडा रोहतक को सौंपी गई थी

उन्होंने कहा कि उनके द्वारा 20 जून को संपदा अधिकारी पानीपत को ज्ञापन सौंपा था और उसकी प्रतियां मुख्य प्रशासक और प्रशासक हुडा रोहतक को सौंपी गई थी। उन्होंने कहा कि 15 जून 2023 को भूमि अर्जन अधिकारी से मांगी गई आरटीआई में मिले जवाब मे स्पष्ट तौर पर लिखा हुआ है कि सेक्टर 6 जीटी रोड पर खसरा नंबर 720 के अंदर केवल 12 बिस्वा भूमि ही अनअर्जित बाकी कोई भी जमीन किसी को अनअर्जित या रिलीज नहीं है जिसको लेकर दिनांक 27 मई 2022 को भूमि अर्जन अधिकारी रोहतक द्वारा तहसीलदार पानीपत को पत्र लिखकर स्पष्ट रूप से हिदायत दी गई थी कि खसरा नंबर 720 में केवल 12 बिस्वा भूमि ही अनअर्जित है बाकी कोई भी भूमि किसी के नाम रिलीज या अनअर्जित नहीं है, इसमें किसी भी प्रकार की रिलीज संबंधित कोई पत्र आपके कार्यालय में पहुंचा हो तो उसे निरस्त समझा जावे और किसी भी प्रकार के इस खसरे में कोई इंतकाल हुए हो तो उनको भी खारिज किया जाए, जिसकी रिपोर्ट रोजनामचा और जमाबंदी में दर्ज कराई गई, लेकिन इसके बावजूद भू माफियाओं के साथ मिलीभगत करके तहसीलदार द्वारा हुडा पटवारी और कानूनगो के साथ मिलकर हुडा विभाग पानीपत और पंचकूला के फर्जी पत्र तथा सिविल सूट 661//08 जिसमें केवल वीरेश मोहन की 12 बिस्वा भूमि के संबंधित फैसला है उसका हवाला देकर सरकार की हजारों गज जमीन को जो सैकड़ों करोड़ के करीब कीमत बनती है उसको हड़प लिया गया। उन्होंने बताया कि इस मामले की पटकथा 2018 में तत्कालीन भूमि अर्जन अधिकारी  द्वारा 18 सितंबर  2018 को सुरेंद्र चांदना के नाम गलत तरीके से अनअर्जित भूमि होने का पत्र लिखकर उन्हें हुड्डा विभाग की जमीन का मालिक बनाने का प्रयास किया और अब वह अपनी कुर्सी का फायदा उठाकर पटवारी कानूनगो  और तहसीलदार को साथ मिलाकर इसे सैकड़ों करोड़ की जमीन को हड़पवाने  का कार्य कर रहे है। उन्होंने जांच प्रक्रिया में संतोष प्रकट करते हुए कहा कि विजिलेंस पंचकूला की जांच में सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा जिसमें सरकार की सैकड़ों करोड़ की जमीन को तो बचाया ही जाएगा साथ में इस षड्यंत्र में शामिल सभी षड्यंत्रकारी सलाखों के पीछे होंगे।