भारत के स्टार एथलिट नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर रच दिया इतिहास – अमेरिका के यूजीन में खेले गए भाला फेंक के फाइनल में नीरज चोपड़ा ने 88.13 मीटर भाला फेंककर सिल्वर जीता
पानीपत। भारत के स्टार एथलिट नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर इतिहास रच दिया। नीरज ने भाला फेंक में टोक्यो ओलिंपिक्स में व्यक्तिगत स्पर्धा में देश के लिए पहला स्वर्ण जीता था और इस बार वर्ल्ड एथलेटिक्स में कमाल दिखाया। अमेरिका के यूजीन में खेले गए भाला फेंक के फाइनल में नीरज चोपड़ा ने 88.13 मीटर भाला फेंककर सिल्वर जीता। इस तरह वर्ल्ड चैपियनशिप में नीरज गोल्ड से जरूर चूक गए, लेकिन यह 19 साल बाद है कि भारत ने यहां व्यक्तिगत स्पर्धा में पदल मिला है। इस उपलब्धि के साथ ही वह इस टूर्नामेंट के इतिहास में पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष बन गए हैं।
पदक पक्का हुआ, लोग नाचने लगे
2003 में अंजु बॉबी जॉर्ज ने पदक जीता था। इसके साथ ही नीरज चोपड़ा को बधाइयों का दौर शुरू हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पंजाब के सीएम भगवंत मान ने नीरज को बधाई दी है। खेल जगत की हस्तियों ने नीरज की तारीफ की। नीरज के घर पर सुबह से जश्न का माहौल है और जैसे ही पदक पक्का हुआ, लोग नाचने लगे। टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा ने अपने पहले ही प्रयास में 88.39 मीटर की दूरी तय की और फाइनल में जगह बनाई थी।
नीरज घबराए नहीं और धीरे-धीरे अपना स्कोर सुधारा
इस प्रतियोगिता में नीरज ने फाउल के साथ शुरुआत की थी। वहीं, उनके प्रतिद्वंद्वी एंडरसन ने दूसरे थ्रो में ही 90 मीटर का आंकड़ा पार कर लिया था। ऐसे में नीरज के ऊपर भी अच्छे प्रदर्शन का दबाव था। हालांकि, नीरज घबराए नहीं और धीरे-धीरे अपना स्कोर सुधारा। दूसरे प्रयास में 82.39 मीटर और तीसरे प्रयास में 86.37 मीटर की दूरी तय की। अब वो पदक की रेस में आगे बढ़ चुके थे। चौथे प्रयास में 88.13 मीटर दूर भाला फेंककर नीरज पदक की रेस में दूसरे स्थान पर आ गए। अब उन्हें स्वर्ण पदक जीतने के लिए वह करना था, जो वो अब तक नहीं कर पाए थे। उन्हें 90 मीटर से ज्यादा की दूरी तय करनी थी। नीरज ने अतिरिक्त प्रयास किया और उनका थ्रो फाउल हो गया। रजत पदक जीतने के बावजूद नीरज बेहद खुश नजर आए और मैच के बाद एंडरसन की तारीफ की।
त्यौहार जैसा जश्न
पूरे देश में, उनके गांव में और परिवार में जश्न का माहौल है। उनकी मां और पिता गीतों पर थिरक रहे हैं। गांव की महिलाएं मंगल गीत गा रही हैं। बधाइयों का तांता लगा है। मिठाइयां, लड्डू बांटे जा रहे हैं। ढोल नगाड़े बज रहे हैं। नीरज की कामयाबी पर उनके परिवार और गांव वाले डांस करके जश्न मना रहे हैं। लोगों को लड्डू खिलाए जा रहे हैं। खंडरा गांव में सुबह मैच शुरू होते ही गांव का हर आदमी एलईडी पर मैच देखता दिखाई दिया। उपायुक्त सुशील सारवान भी मौके पर पहुंचे और इस जश्न में शरीक हुए। उन्होंने नीरज के परिवार को जीत की बधाई दी। नीरज के पिता सतीश कुमार ने अपने बेटे की इस उपलब्धि पर जश्न मनाते हुए कहा कि नीरज ने एक बार फिर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और अभी तो उसे देश के लिए कई मेडल जीतकर लाने हैं। नीरज चोपड़ा के कोच जितेंद्र जागलान, जैवलिन के खिलाड़ी रहे सन्नी सरदार, नवीन, गोविंद, शुभम आदि ने भी मिठाई बांटकर नीरज की जीत का जश्न मनाया। कोच का कहना की नीरज की जीत उनके लिए त्यौहार जैसा होता है।
भारत को 19 साल बाद मेडल मिला
वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत को 19 साल बाद मेडल मिला है। नीरज से पहले महिलाओं में दिग्गज एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 में कांस्य पदक जीता था। प्रतियोगिता में नीरज ने अपने पहले ही प्रयास में 88.39 मीटर की दूरी तय की और फाइनल में जगह बनाई। टोक्यो ओलिंपिक के चैंपियन की फॉर्म को देखते हुए उम्मीद की जा रही थी कि वह विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक दिलाने वाले पहले पुरुष एथलीट बन सकते हैं और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके वे पदक जीतने वाले पहले पुरुष खिलाड़ी बन भी गए।