- पाइट में रिसर्च पेपर पढ़े गए, शिक्षकों को आधुनिक तकनीक से रूबरू कराया
(Panipat News) पानीपत/समालखा। स्मार्ट एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग टेक्नॉलोजी से भारत आत्मनिर्भर होगा। हम मेक इन इंडिया के सपने को पूरा कर सकते हैं। इसी से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। जरूरत है नई तकनीक को सीखकर दूसरों को भी सिखाने की। भारत पुन: विश्वगुरु बन सकता है। यह बात पानीपत इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (पाइट) में विशेषज्ञों ने की। मौका था ऑल इंडिया काउंसल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन (एआइसीटीई) की ओर से छह दिवसीय अटल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का। स्मार्ट एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी: इंडस्ट्री 4.0 में सिद्धांत और अनुप्रयोग इसका विषय रहा।
इस एफडीपी में एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (3डी प्रिंटिंग) के साथ इंडस्ट्री 4.O तकनीकों जैसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ), बिग डेटा एनालिटिक्स, साइबर-फिजिकल सिस्टम्स और स्मार्ट फैक्ट्री जैसी अत्याधुनिक अवधारणाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। थापर यूनिवर्सिटी से डॉ. सतीश शर्मा, डॉ. वीनीत श्रीवास्तव, आइआइटी दिल्ली से डॉ. पुलक मोहन पांडे, आइआइटी रूड़की से डॉ. वरुण शर्मा, जामिया मिलिया इस्लामिया से डॉ. आबिद हलीम, फ्रोनियस इंडिया से शशि आनंद, मैक्स हेल्थ से डॉ. निशा खन्ना व सीजीसी झंझेरी से डॉ. अविनाश विशेषज्ञ के तौर पर पहुंचे।
एफडीपी ने शिक्षकों को अत्याधुनिक तकनीकों की व्यावहारिक समझ देकर उन्हें नवीनतम औद्योगिक परिवर्तनों के लिए तैयार किया
स्मार्ट एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग से स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आयात पर निर्भरता कम होगी और “मेक इन इंडिया” पहल को मजबूती मिलेगी।छोटे तथा मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाती है। समापन समारोह में सचिव सुरेश तायल, वाइस चेयरमैन राकेश तायल, बोर्ड सदस्य शुभम तायल, निदेशक डॉ. शक्ति कुमार, डीन डॉ. जेएस सैनी ने प्रतिभागियों के उत्साह की सराहना की। एफडीपी सह-संयोजक डॉ. अंजू गांधी और समन्वयक डॉ. सुनील ढुल रहे। इसमें 92 रजिस्ट्रेशन में से 47 प्रतिभागियों का चयन हुआ। एफडीपी ने शिक्षकों को अत्याधुनिक तकनीकों की व्यावहारिक समझ देकर उन्हें नवीनतम औद्योगिक परिवर्तनों के लिए तैयार किया।