- शिकायतकर्ता जोगिंदर स्वामी ने कहा इस घोटाले को दबाने में मुख्य दलाल गलत रिपोर्ट बनाने के लिए दे रहा है प्रलोभन
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। ऑस्टिज प्लॉट ड्रा घोटाले में विजिलेंस को पानीपत हुड्डा कार्यालय द्वारा सहयोग ना करने और गलत जानकारी देने को लेकर प्रशासक रोहतक द्वारा कमलेश सहायक और आतिश लिपिक को चार्ज शीट करने का आदेश दिया। शिकायतकर्ता जोगेंद्र स्वामी पूर्व जिला पार्षद ने कहा कि प्लाटों का ड्रा निकलवाने वाले मुख्य दलाल नवीन जिंदल अब भी खुले रूप से एचएसवीपी कार्यालय में घूमता देखा जा सकता है।
दलाल इन प्लाटों को दोबारा बेच देने की फिराक में है
उन्होंने कहा कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा 6 प्लाट कमला देवी प्लॉट नंबर 733 पी 232 ए प्रताप मलिक प्लॉट नंबर 1061, मलिक जगबीर मलिक 1413 जय भगवान नंबर 1412 केला देवी प्लॉट नंबर 975 568 बलविंदर सिंह 568 बी गलत तरीके से अलॉट करवाए थे, उन्होंने कहा कि इन सभी प्लाटों के ऊपर दोबारा से एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाई गई थी, जिसमें इन सभी प्लाटों को निरस्त करने बारे अनुमोदित किया गया था जो आज से 3 महीने पहले रिपोर्ट मुख्य प्रशासक को भेज दी गई थी, लेकिन वहां पर भी मुख्य दलाल नवीन जिंदल ने लीगल ब्रांच में कार्यरत नवनीत सोढ़ी को मुख्य प्रशासक अजीत बालाजी जोशी के सम्मुख यह रिपोर्ट प्रस्तुत ना करने के लिए मना लिया और रिपोर्ट आज भी उनकी टेबल पर पेंडिंग पड़ी है, जिसकी आड़ लेकर यह दलाल इन प्लाटों को दोबारा बेच देने की फिराक में है।
इन प्लाटों को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए
उन्होंने कहा कि इससे बड़ा घोटाला क्या होगा कि जो प्लाट सेक्टर 18और 24 के लिए आवेदित थे, उन सभी प्लाटों को शहर के सबसे महंगे क्षेत्र और पॉश इलाके में तत्कालीन मुख्य प्रशासक एके सिंह से मिलीभगत करके इस दलाल ने सेक्टर 11- 12 मै अलॉटमेंट करवा कर करोड़ों रुपए की अवैध कमाई वसूल की इसी के साथ साथ 16 जुलाई 2015 में भी जब एके सिंह आईएएस मुख्य प्रशासक थे जो बाद में एचएसवीपी के कमिश्नर भी रहे, मिलीभगत करके कुछ प्लॉट जिनमें 1090, 1059, 1091, 1092, 10949 इन प्लाटों के भी सेक्टर 12 में अलॉटमेंट करवा ली गई। इन प्लाटों में भी पुरी धांधली की गई। यह सभी प्लाट भी सेक्टर 18 और 24 के लिए अनुमोदित थे। उन्होंने मुख्य प्रशासक से मांग करते हुए कहा है कि इन प्लॉटों की भी जांच बैठाई जाए और इसमें शामिल अधिकारियों और दलालों पर आपराधिक मामला दर्ज करते हुए इन प्लाटों को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए, उन्हें दोबारा से ऑक्शन में डाला जाए।