- जोगिंदर स्वामी की शिकायत पर हुई कार्रवाई
- खुद को बचाने के लिए कर रहे हैं खानापूर्ति : स्वामी
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। अंसल एपीआई में यूडीलैंड के अंदर बने अवैध निर्माण को गुरुवार को जिला योजनाकार विभाग द्वारा 3 भवनों को ध्वस्त किया गया, जिस पर शिकायतकर्ता जोगेंद्र स्वामी ने कहा कि डीटीपी निदेशालय की मिलीभगत से अंसल एपीआई द्वारा प्रदेश में सरकार को लगभग 1000 करोड़ का चूना लगाया गया अधिकारियों और अंसल मालिकों द्वारा सरकारी रास्तों, यूडी लैंड, ग्रीन बेल्ट तक को बेच दिया गया, जिसको लेकर जन आवाज सोसायटी द्वारा पानीपत से चंडीगढ़ तक प्रदर्शन किए गए अंसल मालिकों द्वारा मामला शांत करने के लिए शिकायतकर्ता को प्रलोभन व दबाव देने की कोशिश की गई, जिसको पूरा ना होने के चलते डीटीपी हेड क्वार्टर और निदेशालय के उच्च अधिकारियों द्वारा अंसल मालिकों को दिवालिया घोषित करके निकल भागने की सलाह दी जिससे कि अधिकारियों पर गाज गिरने से पहले बचाया जा सके।
सरकारी गौहर पर बने भवनों को ध्वस्त करना चाहिए
स्वामी ने कहा कि अंसल मालिक और डीटीपी विभाग के अधिकारियों द्वारा सरकारी गोहर, यूडीलैंड ग्रीन बेल्ट और यहां तक की अंसल में आने वाली काफी एचएसवीपी की जमीन को भी बिकवा डाला। उन्होंने कहा कि डीटीपी विभाग की कार्रवाई केवल मात्र खानापूर्ति है, क्योंकि अंसल में केवल 3 यूडीलैंड नहीं है कई एकड़ के अंदर यूडी भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, उन सबके साथ- साथ ग्रीन बेल्ट और सरकारी गौहर को भी खाली करवाया जाना चाहिए। जिसको लेकर वह शीघ्र ही जिला योजनाकार पानीपत को यूडीलैंड, ग्रीन बेल्ट और सरकारी गौहर पर बने भवनों को ध्वस्त करना चाहिए।
सरकारी काम में बाधा पहुंचाए जाने पर अपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए
इसमें शामिल डीटीपी योजनाकार, डीटीपी हेड क्वार्टर, चीफ टाउन प्लानर जिन्होंने मिलीभगत करके सरकार को हजारों करोड़ रुपए की हानि पहुंचाई उन पर आपराधिक मामला दर्ज कर इन अधिकारियों और अंसल मालिकों को सलाखों के पीछे भेजकर इन से इस नुकसान की रिकवरी करवाई जाए। उन्होंने कहा कि यूडीलैंड पर कार्रवाई का विरोध करने वाले प्रॉपर्टी डीलर और भू माफियाओं के ऊपर सरकारी काम में बाधा पहुंचाए जाने पर अपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए। क्योंकि ग्रीनरी के लिए छोड़ी गई जमीन पर कब्जा करने वाला कोई भी व्यक्ति सामाजिक नहीं हो सकता।