आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। अंसल एपीआई हरियाणा में सरकार के साथ करोड़ों रुपए का घोटाला कर गई, इसमें सबसे बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि यह विभाग हरियाणा के ईमानदार मुख्यमंत्री के अधीन आता है, उसके बावजूद उसमें हजारों करोड़ का घोटाला कहीं ना कहीं प्रदेश सरकार की ईमानदारी पर सवाल खड़े करता है। उक्त बातें सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व पार्षद जोगेंद्र स्वामी ने कही। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा पिछले 2 साल से मुख्यमंत्री और अधिकारियों को प्रमाण सहित शिकायतें और प्रदर्शनों सहित ज्ञापन पानीपत से लेकर चंडीगढ़ हेड क्वार्टर तक दिए जाते रहे हैं, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई ना करना भ्रष्ट अधिकारियों और अंसल मालिकों को बचाने का जीता जागता सबूत है।
बेशकीमती जमीन को भू माफियाओं को कौड़ियों के भाव बेच किया करोड़ों का घोटाला
उन्होंने कहा कि अनडिटरमाइंडलैंड (यूडीलैंड ) जिसे शुद्ध हिंदी में अनिर्धारित भूमि कहा जाता है, इस यूडीलैंड की डीटीपी विभाग द्वारा अभी तक कोई प्लानिंग ही नहीं की गई और ना ही अंसल द्वारा इसका कोई लाइसेंस लिया गया। इसका मतलब यह जमीन सरकार की है, क्योंकि जब तक ऐसी जमीनों का लाइसेंस नहीं हो जाता कोई प्लानिंग नहीं हो जाती उसकी निगरानी डीटीपी विभाग के पास होती है। इस जमीन को किसी भी प्रकार से बेचा नहीं जा सकता, लेकिन डीटीपी हेड क्वार्टर, जिला योजनाकार, अंसल मालिक और उनके मैनेजर ने इस बेशकीमती जमीन को भू माफियाओं को कौड़ियों के भाव बेच कर सरकार के साथ करोड़ों का घोटाला किया। इतना बड़ा प्रमाण होने के बावजूद भी विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा। यह क्या दर्शाता है कि छोटे से बड़े अधिकारी की जेब इतनी भारी कर दी गई कि उनकी आंखों में भ्रष्टाचार की चर्बी चढ़ गई।
जमीनों को अप्रूव्ड दिखाकर रजिस्ट्री करवा दी गई
उन्होंने कहा कि अंसल पानीपत में मैनेजर रहे तेजेंद्र पाल सिंह द्वारा यह यूडीलैंड केवल पानीपत में ही नहीं बल्कि करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, कुंडली तक में भी बेची गई है। इसमें डीटीपी अधिकारियों और अंसल मालिक द्वारा इस मैनेजर को प्रमुख सरगना बनाया हुआ था, जिसके माध्यम से यूडीलैंड को इन अधिकारियों के साथ-साथ तहसीलदारों से भी सांठगांठ कर अपने चहेते भूमाफिया डीलरों को कौड़ियों के भाव बेच दिया गया। तहसीलदार से मिलीभगत कर उन जमीनों को अप्रूव्ड दिखाकर रजिस्ट्री करवा दी गई।
इन जमीनों को तत्काल प्रभाव से ध्वस्त करवाया जाए
उन्होंने कहा कि इन भ्रष्ट लोगों के कारण कुछ गरीब लोग भी इनका शिकार बने, जिन्होंने सस्ते के लालच में इनसे यह जमीन खरीदी अब उनके ऊपर भवन टूटने की तलवार लटकी हुई है, लेकिन इसके मुख्य दोषी डीटीपी हेड क्वार्टर, जिला योजनाकार, अंसल मालिक, उसका मैनेजर तेजेंद्र पाल सिंह और वह भूमाफिया लोग हैं। जिन्होंने गरीब लोगों को सब्जबाग दिखाकर इस सरकारी जमीन को बेच दिया इन लोगों पर षड्यंत्र रचकर मिलीभगत कर, धोखाधड़ी, जालसाजी सरकार की करौली की हानि का अपराधिक मामला दर्ज करके इन लोगों से इसकी रिकवरी की जाए और तीसरे पायदान पर बैठे उस गरीब आदमी की कीमत उसको देकर इन जमीनों को तत्काल प्रभाव से ध्वस्त करवाया जाए।
अवैध रजिस्ट्री को रद्द नहीं किया
उन्होंने कहा कि तत्कालीन डीटीपी, डीटीपी हेडक्वार्टर को शिकायतें मिलने के बाद भी इन रजिस्ट्रियों को रद्द नहीं करवाया गया, हमने इसकी शिकायत डीसी पानीपत को भी दी थी, क्योंकि रेवेन्यू विभाग के मुखिया वह हैं लेकिन उनके द्वारा भी इन अवैध रजिस्ट्री को रद्द नहीं किया गया, जो अपने आप में ही एक सवालिया निशान है। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने तो सर्वोच्च न्यायालय को भी ठेंगा दिखाकर सरकारी गोहर मे प्लानिंग करवा कर उसमें कोठिया तक बनवा दी गई, उन्होंने कहा कि उनके द्वारा अजीजुल्लापुर से सत्येंजा के अंदर तक सरकारी गोहर पर भी कब्जा जमा लिया, जिसकी निशानदेही वह करवा चुके हैं।
सरकार की सद्बुधि के लिए सुंदरकांड का पाठ करेंगे
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यूडीलैंड और सरकारी रास्तों पर बनाई गई अवैध कोठियों को ध्वस्त नहीं किया जाता, इनकी रजिस्ट्री रद्द नहीं की जाती, इस घोटाले में शामिल भ्रष्ट अधिकारियों, अंसल मालिक, उसके मैनेजर और भू माफियाओं पर अपराधिक मामला दर्ज नहीं होता तो 14 फरवरी को करनाल डीटीपी कार्यालय, 21 को पानीपत डीटीपी विभाग और 28 फरवरी को चंडीगढ़ अतिरिक्त मुख्य सचिव के कार्यालय पर प्रदर्शन करके भ्रष्ट अधिकारियों और सरकार की सद्बुधि के लिए सुंदरकांड का पाठ करेंगे। इस अवसर पर रणजीत भोला, सरदार कवलजीत सिंह, डीपी ग्रोवर, गोविंद सैनी, प्रदीप भराड़ा, लाल सिंह, विनोद वधवा उपस्थित रहे।