- अधिकारियों ने बिकवा डाली सरकारी गोहर, यूडी लैंड और टैक्सी स्टैंड : स्वामी
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। मुख्यमंत्री के अधीन आने वाले कंट्री एंड टाउन प्लानिंग विभाग ने अंसल एपीआई मालिकों से मिलीभगत करके पानीपत अंसल में सरकारी रास्ते, यूडी लैंड और टैक्सी स्टैंड तक को बेचकर सरकार के साथ सैकड़ों करोड़ का घोटाला किया है। यह आरोप जोगेंद्र स्वामी पूर्व जिला पार्षद एवं प्रधान जन आवाज सोसाइटी ने उपायुक्त कार्यालय में किए प्रदर्शन के बाद उपायुक्त पानीपत के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन के दौरान कही।
अधिकारी पूरी तरीके से इस घोटाले में संलिप्त
उन्होंने कहा कि जिला योजनाकार पानीपत और डीटीपी हेड क्वार्टर चंडीगढ़ ने अंसल मालिकों के साथ मिलीभगत करके सरकार के साथ करोड़ों का घोटाला किया है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा लगातार डीटीपी पानीपत को शिकायतें दी जाती रही, लेकिन डीटीपी पानीपत द्वारा अंसल मालिकों के साथ सांठगांठ और अपने अधिकारियों को बचाने की मंशा से जहां सरकारी रास्ते, यूडी लैंड और टैक्सी स्टैंड को बेचे जाने का अपराधिक मामला दर्ज होना था, वहां 7 ए वायलेंस के तहत मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई जो खुद साबित करता है कि अधिकारी पूरी तरीके से इस घोटाले में संलिप्त हैं।
विभाग में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई करें
उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों ने खुले रूप से माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को भी ठेंगा दिखाया जिसके तहत सरकारी रास्ते पर एंक्रोचमेंट नहीं हो सकती, उसकी इन अधिकारियों ने रजिस्ट्री करवा कर उस पर भवन तक बनवा दिए गए। उन्होंने कहा कि जिस यूडीलैंड को किसान ने अंसल को बेचा नहीं और अंसल ने खरीदा नहीं उसकी अंसल ने रजिस्ट्री करवा दी, जहां का नक्शा स्वीकृत नहीं हो सकता। उसमें बड़े-बड़े भवन बनवा दिए गए जो पूरी तरीके से अवैध है। उन अवैध भवनों पर कार्रवाई करना भी डीटीपी का कार्य होता है, लेकिन मोटी धन वसूली के चलते इन भवनों को गिराना तो दूर इन अधिकारियों द्वारा अब भी जो सरकारी रास्ते के अंदर यूडीलैंड आती हैं। उनकी भी रजिस्ट्री करवा कर उनमें भवन बनवाने के लिए कार्य किया जा रहा है।
जांच तो हो नहीं रही, लेकिन सांठगांठ जरूर हो रही है
उन्होंने कहा कि 30 सितंबर को महानिदेशक कंट्री एंड टाउन प्लानिंग विभाग चंडीगढ़ को ज्ञापन दिया था, जिसमें उनके द्वारा आश्वस्त किया गया था कि इसकी जांच की जाएगी, लेकिन डेढ़ महीने के बाद भी कोई परिणाम सामने नहीं आया। इसमें भी लगता है कि जांच तो हो नहीं रही, लेकिन सांठगांठ जरूर हो रही है। उन्होंने कहा कि अंसल एपीआई का यह पानीपत में ही नहीं बल्कि सीएम सिटी करनाल कुरुक्षेत्र और सोनीपत में भी इस प्रकार के कारनामों को अंजाम दिया गया है। वहां भी कई जगह पर यूडी लैंड को बेचा गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि आप अपने विभाग में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई करें और इस सैकड़ों करोड़ के घोटाले की सीबीआई से जांच करवाएं, नहीं तो यह अधिकारी आपकी ईमानदार छवि को धूमिल कर रहे हैं।
रजिस्ट्रियों को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए
उन्होंने कहा आज उपायुक्त पानीपत के नाम भी ज्ञापन दिया गया है, जिसमें अवैध तरीके से यूडी लैंड, सरकारी गोहर और टैक्सी स्टैंड की गई रजिस्ट्रीयो को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की गई है। क्योंकि तहसील कार्यालय जिला कलेक्टर के अधीन आता है। इसलिए इसमें इनकी जिम्मेदारी बन जाती है, कि इसकी जांच करें की किस प्रकार से किस तहसीलदार द्वारा यह रजिस्ट्रियां की गई और कौन-कौन अधिकारी इसमें शामिल है। उनके ऊपर भी अपराधिक मामला दर्ज हो और इन रजिस्ट्रियों को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए। उन्होंने कहा कि अगले महीने महानिदेशक कार्यालय चंडीगढ़ में धरने पर बैठेंगे और उसके बाद हाईकोर्ट में इसके खिलाफ जनहित याचिका दायर की जाएगी।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर रणजीत भोला, सरदार कवलजीत सिंह, डीपी ग्रोवर, रणजीत भोला, सरदार कवलजीत सिंह, डीपी ग्रोवर, सुनील डावर, शशि कपूर, प्रदीप भराड़ा, प्रतीक यादव, आशु शर्मा, मनीष शर्मा, नरेंद्र बैरागी, सरदार गग्गी, ईश्वर बैरागी, सुमित भारद्वाज, राज शर्मा, लाल सिंह, रोहताश अहलावत, अमित पावर्टी, सतीश वत्स, सरदार हरप्रीत सिंह, कालाशाह, गौरव, योगेश मुटनेजा, काला सिंह विर्क, नकुल, शमशेर सिंह बौद्ध, सुरेंद्र,जॉनी, अनिल सहगल, आकाश राठौर, श्याम पुरी, मनजीत मलिक, सरदार हरवेल सिंह मक्कड़, सुरेंद्र, जॉनी, डॉक्टर फतेह सिंह मराठा, संजय वधवा, राजेंद्र सैनी, विनोद वधवा लाडी, परवीन, संदीप, सोमप्रकाश बुद्धिराजा, सहित काफी लोग उपस्थित रहे।
नगराधीश पानीपत द्वारा ज्ञापन लिया गया
उपायुक्त के कार्यालय में ना होने पर राजेश कुमार सोनी नगराधीश पानीपत द्वारा ज्ञापन लिया गया और उन्होंने आश्वस्त किया, कि आपकी इस शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी और एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा।