- मरीज के स्वभाव, मन, व्यवहार व मानसिक लक्षणों को जांच कर होता है इलाज: डॉ. जयश्री
पानीपत। होम्योपैथिक इलाज धीमा नहीं, ब्लकि असरदार है। कहते हैं कि शरीर में कई बीमारी ऐसी लग जाती है, जिन्हें ठीक होने में सालों-साल बीत जाते हैं। मगर, होम्योपैथिक इलाज ठीक इसके विपरीत है। अगर, किसी भी बीमारी की शुरुआत में ही होम्योपैथिक इलाज की ओर जाया जाए, तो वह बीमारी जल्द तो ठीक होगी ही, ब्लकि भविष्य में कभी नहीं होने की संभवनाएं भी अधिक रहती है। होम्योपैथिक इलाज छोटे समय तक चलने वाला सस्ता ट्रीटमेंट हैं। यह कहना है कि पानीपत की एकमात्र क्लासिक होम्योपैथिक क्लीनिक की डॉ. जयश्री मलिक का। उन्होंने सेक्टर 13-17 स्थित राधा स्वामी सत्संग भवन के सामने अपने क्लीनिक पर पत्रकार वार्ता का आयोजन किया।
बच्चों की हर बीमारी का सफल होम्योपैथिक इलाज सबसे बेहतरीन
क्लासिकल होम्योपैथी डॉ. जयश्री मलिक ने आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि बच्चों के दांतों की समस्या होने पर उन्हें एंटीबेटिक समेत तमाम अन्य दवाईयां दी जाती है। जिससे न केवल बच्चों के दांतों की ग्रोथ थमती है, ब्लकि दांतों की समस्या कुछ समय बाद फिर से हो जाती है। वहीं, इसके विपरीत होम्योपैथिक इलाज करवाने से समस्या तो जड़ से खत्म होती ही है, ब्लकि ग्रोथ भी बहुत बेहतरीन होती है।
होम्योपैथी इलाज से इन सब बीमारियों की सर्जरी भी टल सकती है
डॉ. जयश्री मलिक ने बताया कि होम्योपैथी इलाज जीवनदान समान काम करती है। पथरी, फाइबरोइड , सिस्ट समेत ऐसी अनेकों बीमारियां हैं, जिनका लगभग सभी अस्पतालों में एकमात्र इलाज सर्जरी ही बताई जाती है। इन सब बीमारियों की सर्जरी टल सकती है। अगर, इनका इलाज होम्योपैथी करवाया जाए। वहीं, हार्निया जैसी बिमारी का इलाज भी बिना सर्जरी के 100 फीसदी संभव है।
शुगर, जोड़ों का दर्द महज 15 दिन में खत्म
क्लासिकल होम्योपैथिक डॉ. जयश्री मलिक ने बताया कि शुगर, हाई BP, जोड़ों का दर्द ये ऐसी समस्याएं हैं, जो लगभग हर घर का कोई न कोई सदस्य इनसे जूझता है। एलोपैथिक में इन बीमारियों का इलाज जीवन भर तक भी चलता है। मगर, होम्योपैथी के महज 15 दिन के इलाज में ये बीमारियां जड़ से खत्म होनी शुरू हो जाती है। अगर, बिमारी की शुरूआत में ही होम्योपैथिक इलाज अपनाया जाए, तो जीवनभर ये बीमारियां न होने की संभावनाएं अधिक रहती है।
कई हफ्तों का इलाज कुछ मिनटों में भी संभव
होम्योपैथिक इलाज के लिए मरीज का पूरा ब्यौरा जुटाया जाता है। जिसमें उसके परिवार की जानकारी , उसकी पास्ट हिस्ट्री फैमिली हिस्ट्री उनका खानपान, व्यवहार व वह बीमार कब से हैं।आदि सब कुछ जाना जाता है बीमारी में उसे और कौन सी नई बीमारी लगी है। अगर, महिला मरीज है, तो उसकी माता की भी जानकारी जुटाई जाती है। डॉ. जयश्री मलिक ने बताया कि शिविर में रोगी के स्वभाव, विचारों व मानसिक लक्षणों का अत्याधुनिक साफ्टवेयरों से क्लासिकल होम्योपैथी से उपचार किया जाता है। इसमें बीमारी का इलाज रोगी के संपूर्ण स्वभाव, मन, व्यवहार व मानसिक लक्षणों के आधार पर किया जाता है, जिसमें दवा का चुनाव मात्र रोग के लक्षणों पर न होकर रोगी के मन, व्यवहार, प्रकृति व विचार प्रक्रिया के आधार पर किया जाता है। उन्होंने बताया कि अत्याधुनिक साफ्टवेयरों की सहायता से कई हफ्तों का समय लगने वाला काम कुछ मिनटों में ही किया जा सकता है।