Historical Temples of Haryana : हरियाणा के ऐतिहासिक मंदिरों का भी विश्व-स्तर पर हो सौंदर्यीकरण : डॉ नवीन नैन भालसी

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Panipat News/Historical Temples of Haryana
अंतरराष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद के हरियाणा प्रदेश-अध्यक्ष डॉ नवीन नैन भालसी
Aaj Samaj (आज समाज),Historical Temples of Haryana,पानीपत: अंतरराष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद के हरियाणा प्रदेश-अध्यक्ष डॉ नवीन नैन भालसी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि हरियाणा की ऐतिहासिक भूमि पर भी बहुत से मंदिरों का इतिहास बहुत पुराना है, उनका सौंदर्यीकरण भी विश्व स्तर पर होना चाहिए,जिससे आने वाली पीढ़ी को अपने इतिहास पर गर्व हो ओर ज्ञान प्राप्त हो। इस दौरान डॉ नवीन नैन भालसी ने बताया कि जब से अंतरराष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी ली है तब से हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश व आन्ध्रप्रदेश के मंदिरों में जाकर मंदिरों के इतिहास व वहाँ की जानकारी लेने का काम किया है।

हरियाणा के मंदिरों का सौंदर्यीकरण नहीं हुआ

इस दौरान डॉ नवीन नैन भालसी ने बताया कि हाल ही में गुजरात सोमनाथ महादेव के मंदिर में जाकर देखा कि वहाँ इतने अच्छे रूप में 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे प्रथम सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के इतिहास के रूप में वहाँ विडियो के माध्यम से सायं काल के समय पर दिखाई जाती है व वहाँ पर किसी भी भगतजन को वहां पर रहने, दर्शन करने व खाने-पीने की कोई भी समस्या नही रहती,वहाँ की सरकार व प्रशासन ने बहुत अच्छे तरिके से व्यवस्था की हुई है जिससे की कोई भारतवर्ष व विदेशों से व्यक्ति आए तो पूर्ण रूप से मंदिरों के इतिहास की जानकारी व भगवान स्वरूप के दर्शन हो सके। इस दौरान डॉ नवीन नैन भालसी ने बताया कि जिस रूप में गुजरात, राजस्थान, आन्ध्रप्रदेश के मंदिरों का सौंदर्यीकरण हुआ है, उसी रूप में हरियाणा के मंदिरों का सौंदर्यीकरण नहीं हुआ है।

सरकार से गुज़ारिश : मंदिरों की तरफ़ ध्यान देकर उनका सौंदर्यीकरण करें

हरियाणा में बहुत से मंदिर ऐसे है जिनका विश्व स्तर पर आज तक कोई पहचान या अच्छा रूप नहीं मिल सका जैसे कि तीरखू तीर्थ, शीतला माता मंदिर, खाटू श्याम मंदिर चुलकाना, माता भनभोरी मंदिर, पाण्डू पिण्डारा आदि बहुत से मंदिर है जिनको वर्तमान समय में सौंदर्यीकरण करने की जरूरत है जिससे आने वाली युवा पीढ़ी इन मंदिरों का इतिहास जान सके व पूर्ण रूप में इतिहास के साथ सम्मान मिल सके। इस दौरान डॉ नवीन नैन भालसी ने बताया कि मेरी वर्तमान सरकार से गुज़ारिश है मंदिरों की तरफ़ ध्यान देकर उनका सौंदर्यीकरण करके उनके साथ हम आने वाली युवा के कोचिंग-शिक्षा के सेन्टर भी चला सकते है, जिससे हम अपने इतिहास के साथ-साथ शिक्षा को भी आगे बढ़ा सकते है।