आसाराम केस के मुख्य गवाह महेंद्र चावला को केस डायरी न मिलने के मामले में हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

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आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। आसाराम केस के मुख्य गवाह महेंद्र चावला को केस डायरी न मिलने के मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने पानीपत मुख्यालय डीएसपी को नोटिस जारी किया है। 8 फरवरी 2023 तक जवाब दाखिल करने को कहा है। एचसी ने यह नोटिस महेंद्र चावला की याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया है।
जानकारी देते हुए महेंद्र चावला ने बताया कि आसाराम केस में मुख्य गवाह होने के कारण 13 मई 2015 को उसके ऊपर जानलेवा हमला हुआ था।

महेंद्र ने ऊपर से छत से कूदकर अपनी जान बचाई थी

जिसकी सदर थाना में एफआईआर दर्ज हुई थी। हमलावर ने दो गोली चलाई, जोकि एक गोली महेंद्र के बाएं कंधे में लगी और महेंद्र ने ऊपर से छत से कूदकर अपनी जान बचाई थी। सदर थाना के तत्कालीन जांच अधिकारियों की लापरवाही को देखते हुए महेंद्र चावला ने पुलिस व कोर्ट की मदद करने के उद्देश्य से आरटीआई के माध्यम से इस एफआईआर की केस डायरी प्राप्त करनी चाही, लेकिन तत्कालीन डीएसपी मुख्यालय द्वारा केस डायरी नहीं दी गई। जिसके बाद चावला ने प्रथम अपील अधिकारी एसपी पानीपत को प्रथम अपील की, लेकिन डायरी फिर भी नहीं दी गई।

न तो कोई स्पीकिंग आदेश पारित किया और न ही कोई सूचना उपलब्ध करवाई

इसके बाद महेंद्र चावला ने हरियाणा राज्य सूचना आयोग के सामने दूसरी अपील की। जिसके जवाब में पानीपत पुलिस ने अपील की सुनवाई में कहा कि चावला केस डायरी का दुरूपयोग कर सकता है, इसलिए केस डायरी नहीं दी जा सकती। डीएसपी मुख्यालय पानीपत को आदेश जारी किए कि वह एक स्पीकिंग आदेश पास करें। जिसमें वह यह बताए कि किस प्रकार से महेंद्र चावला केस डायरी का दुरुपयोग कर सकता है। लेकिन तत्कालीन डीएसपी मुख्यालय सतीश वत्स द्वारा सूचना आयोग के आदेश की पालना में न तो कोई स्पीकिंग आदेश पारित किया और न ही कोई सूचना उपलब्ध करवाई। इसके बावजूद भी तत्कालीन सूचना आयुक्त यशपाल सिंघल ने आयोग के आदेश की अवमानना करने वाले तत्कालीन डीएसपी मुख्यालय के विरुद्ध न तो कोई कार्रवाई करने के आदेश जारी किए और न ही कोई केस डायरी संबंधित कोई भी सूचना दिलवाई गई। साथ ही अपील को खारिज कर दिया।

8 फरवरी से पहले पहले जवाब दाखिल करने के आदेश जारी

जिसके बाद महेंद्र चावला ने हाईकोर्ट की शरण ली और हाईकोर्ट की एकल जज वाली कोर्ट ने भी महेंद्र चावला को कोई राहत न देते हुए और सूचना आयोग के निर्णय को सही मानते हुए चावला की याचिका को डिसमिस कर दिया। इसके बाद भी चावला ने चंडीगढ़ हाईकोर्ट में डिवीजन बेंच के सामने सिंगल जज के फैसले के खिलाफ अपील प्रस्तुत की, जिसमें 18 अक्टूबर को वकील अशोक त्यागी ने महेंद्र चावला का पक्ष रखा और डिवीजन बेंच के सामने निवेदन प्रस्तुत करते हुए पूरा केस समझाया। कोर्ट को बताया कि पानीपत पुलिस अन्य केस में केस डायरी आरटीआई में दे चुकी है, तो फिर इस केस में क्यों नहीं दे सकते। जिसके बाद जज ऋतू बाहरी व निधि गुप्ता की डिवीजन बेंच ने हरियाणा सरकार व डीएसपी को नोटिस जारी किया है। जिसमें पूछा कि वह यह बताएं कि याचिकाकर्ता महेंद्र चावला किस प्रकार से केस डायरी का दुरुपयोग कर सकता है। जबकि वह तो इस केस का पीड़ित है। साथ ही 8 फरवरी से पहले पहले जवाब दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं।