प्रकृति प्रेम के पत्र को घर-घर बांटने में भी संकोच नहीं करते प्रकृति के पोस्टमास्टर प्रो. दलजीत कुमार

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Panipat News/Green man Prof. Daljeet kumar
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अनुरेखा लांबरा 
पानीपत। पर्यावरण प्रकृति का पालना है, जिसमें हरियाली किलकारियां करती हैं। भौतिकवाद और चकाचौंध के इस दौर में कोई विरले ही प्रकृति प्रेमी हैं, जो पर्यावरण के पक्ष में स्वच्छता और सुरक्षा का झंडा बुलंद कर रहे हैं। आज एक ऐसी ही पर्यावरण प्रहरी और प्रकृति प्रेमी शख्सियत से आपको रूबरू कराते हैं, प्रो. दलजीत कुमार, जो देशबन्धु गुप्ता राजकीय महाविद्यालय पानीपत में इतिहास विषय पढ़ाते हैं। प्रो. दलजीत इतिहास पढ़ाते पढ़ाते आने वाली पीढ़ी के लिए खुद प्रकृति प्रेम का इतिहास बना रहे हैं। प्रकृति के प्रति इनके योगदान का जितना बखान करें वो कम हैं।

 

 

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झाड़ बोझड़ों भरे प्रांगण को लॉन में किया तब्दील

प्रो. दलजीत का पैतृक गांव बैंसी, तहसील महम जिला रोहतक है। 24 मार्च 2012 को राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोहाना में सहायक प्रो. इतिहास के पद पर नियुक्ति हुई। 19 जुलाई 2014 को राजकीय महाविद्यालय इसराना में तबादले के बाद नियुक्ति। राजकीय महाविद्यालय इसराना में 2015 में इको क्लब प्रभारी व लॉन रखरखाव कमेटी का पदभार संभालने के साथ ही झाड़ बोझड़ों से भरे हुए महाविद्यालय प्रांगण को लगातार मेहनत व विद्यार्थियों के सहयोग से सुव्यवस्थित लॉन बनाने का काम बिना महाविद्यालय का खर्चा किए पूर्ण किया। इस दौरान महाविद्यालय को हरा भरा बनाने में निर्णायक भूमिका अदा की।

 

 

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हर खुशी के दिन एक पौधारोपण

इसराना महाविद्यालय में मुहिम को जारी रखते हुए जन्मदिन या किसी भी कर्मचारी की नई नियुक्ति, तबादला, सालगिरह, गृह प्रवेश, शादी, परिवार के सदस्यों का जन्मदिन या खुशी के अवसर पर वृक्षारोपण अभियान चलाकर इस मुहीम से महाविद्यालय के विद्यार्थियों को भी जोड़कर पर्यावरण संरक्षण अभियान से जोड़ने का काम किया। महाविद्यालय को हराभरा बनाने के साथ साथ वर्ष 2017 में वृक्ष मित्र समूह इसराना का गठन करके इसराना गांव और घर घर वृक्षारोपण अभियान को पहुंचाया। स्कूल, कॉलेज, रेलवे स्टेशन, श्मशान घाट, पंचायत भूमि, नहरों के किनारे, तालाबो व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर हजारो पौधे रोपण करके जनसाधारण को जागरूक करने का काम किया।

 

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पेड़-पत्ते सुरक्षित…तो ऑक्सीजन सुरक्षित

यहां यह कहना उचित होगा कि पर्यावरण पोस्ट ऑफिस की तरह है और प्रो. दलजीत पोस्टमास्टर के समान, समय की नजाकत देखते हुए प्रो. दलजीत प्रकृति प्रेम के पत्र को पोस्टमैन की तरह घर-घर बांटने में भी संकोच नहीं करते। कबीर की ये पंक्तियां ‘डाली छेड़ूँ न पत्ता छेड़ूँ, न कोई जीव सताऊँ। पात-पात में प्रभु बसत है, वाही को सीस नवाऊँ॥’  प्रो. दलजीत के पर्यावरण प्रेम का रेखांकन ही नहीं है, अपितु उनके के पर्यावरण रक्षक रूप का प्रतिष्ठापन भी है। कबीर का पत्ते-पत्ते से प्रेम करना प्रो. दलजीत को प्रेरित करता है और उनका मानना है कि पेड़-पत्ते सुरक्षित रहते हैं तो ऑक्सीजन सुरक्षित रहती है।

 

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जैविक खाद केंद्र स्थापित किया 

प्रो. दलजीत ने राजकीय महाविद्यालय इसराना में जैविक खाद केंद्र स्थापित करके सूखे पत्तों से जैविक खाद बनाने के साथ ही विद्यार्थियों, जनसाधारण को व किसानों को जैविक खाद के महत्व से अवगत करवाया। जैविक खाद बनाने की विधि की जानकारी लेने सैकड़ों लोगों ने जैविक खाद केंद्र का अवलोकन किया। इसके साथ ही प्रो. दलजीत ने राजकीय महाविद्यालय इसराना में बिना महाविद्यालय के पैसे से पौधों को तैयार करने के लिए नर्सरी तैयार की। नर्सरी में तैयार पौधों को विद्यार्थियों व स्कूल-कॉलेजो में इको क्लब के अंतर्गत बांटने का अतिमहत्वपूर्ण काम किया।

 

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इन प्रोजेक्ट्स पर किया काम

1. 10 हजार से अधिक पौधे रोपित व 6000 से अधिक पौधे वितरित।
2. राजकीय महाविद्यालय इसराना की कायाकल्प।
3. 1500 से अधिक पौधों की स्वयं के खर्च से नर्सरी स्थापित।
4. सुखे पत्तों से जैविक खाद केंद्र स्थापित व खाद बनाई। जैविक खाद की मुहीम से विद्यार्थियों व किसानों को जागरूक किया।
5. राजकीय महाविद्यालय बड़ौता, सोनीपत व राजकीय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय रोहतक में भी प्रो. दलजीत के निर्देशन में जैविक खाद केंद्र स्थापित।
6. देशबन्धु गुप्ता राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पानीपत में प्रो. दलजीत द्वारा जैविक खाद केंद्र स्थापित।

 

 

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हर्बल बॉटनिकल गार्डन स्थापित किया

30 सितंबर 2021 को देशबन्धु गुप्ता राजकीय महाविद्यालय पानीपत में नियुक्त के बाद प्रो. दलजीत ने हर्बल बॉटनिकल गार्डन स्थापित किया, जिसमें 100 से अधिक प्रकार के औषधीय गुणों से युक्त पौधों की अनेक किस्में मौजूद हैं। इसके साथ ही देशबन्धु गुप्ता राजकीय महाविद्यालय पानीपत में अप्रैल 2022 में पक्षी विहार स्थापित किया, जैविक खाद केंद्र और फलवाटिका स्थापित की, जिसमें 100 से अधिक फलदार, 15 से अधिक प्रकार के फलदार पौधे रोपित किए।

जागरूकता अभियान व मुहिम

1. हर साल बेटी जैसमीन कौर के जन्मदिन पर पौधारोपण व कार्यक्रम में आए मेहमानों को पौधे वितरित मुहीम 2019 से जारी।
2. राजकीय महाविद्यालय इसराना में 2017 से व देशबन्धु गुप्ता राजकीय महाविद्यालय पानीपत कॉलेजो में अक्टूबर 2021 से नई मुहीम प्रो. दलजीत द्वारा आज भी चल रही है।
3. राजकीय महाविद्यालय इसराना व राजकीय महिला महाविद्यालय मतलौडा में 2018 में प्लास्टिक मुक्त अभियान विद्यार्थियों के सहयोग से चलाया।
4. पर्यावरण संरक्षण पर स्कूलों, कॉलेजो, गांवों के साथ कि राष्ट्रीय सेमिनारों व अंतरराष्ट्रीय सेमिनारों में 50 से अधिक बार लेक्चर के माध्यम से पर्यावरण विषय पर जागरूक।
5. कोरोना काल मे जरूरतमंद लोगों की राशन, सेनिटाइजर, साबुन, मास्क आदि वितरण व जागरूकता अभियान।
6. अपने जन्मदिन पर, महाविद्यालय के स्टॉफ सदस्यों के जन्मदिन, स्टॉफ सदस्यों के परिवार में खुशी के समय पौधारोपण, नई नियुक्ति पत्र व तबादले पर पौधारोपण। बुजुर्गों की याद में (पुण्य तिथि पर) पौधारोपण अभियान।
प्रो. दलजीत ने बताया कि गांव बांध में 94 वर्षीय बुजुर्ग दादी मेसरो देवी की 17वीं पर पौधारोपण व 101 पौधे वितरण किए। स्वर्गीय बुजुर्गों के स्मृति दिवस पर पौधारोपण व सैकड़ों लोगों को इस अभियान से जोड़ा जा चुका है।
7. 2021 में रक्तदान शिविर आयोजित 108 यूनिट खून एकत्रित।
8. गांव जोन्धन खुर्द में अपने खर्च से लाइब्रेरी स्थापित।
9. चार बार पर्यावरण संरक्षण जागरूकता रैली विद्यार्थियों के सहयोग से। सोशल मीडिया के माध्यम से भी हजारो लोगो को अपनी पर्यावरण संरक्षण की मुहीम से जोड़ा जा चुका है।
10. इतिहास विषय में 15 राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के जर्नलों में शोध पत्र प्रकाशित किए जा चुके है।
11. पांच ऑक्सीजन पार्क बनाए जा चुके हैं।

 

 

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प्रो. दलजीत की पर्यावरण संरक्षण बारे मुहीम  

1. धन्यवाद नहीं : एक पौधा लगाएं
2. एक पौधा अपने लिए : एक पौधा अपने माँ- बाप के नाम पर

पर्यावरण के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर अवॉर्ड

1. सर्वश्रेष्ठ पर्यावरणविद् पुरस्कार -2020 (डेक्कन पर्यावरणविद् अनुसंधान संगठन, कर्नाटक)
2. राष्ट्रीय भीमरत्न अवॉर्ड- 2021 ( ऑल इंडिया अम्बेडक्राइट सोशल)
3. मानवतावादी अवॉर्ड-2021 ( आई कैन फाउंडेशन दिल्ली)

 

 

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विभिन्न संस्थाओं द्वारा अवॉर्ड

1. ग्रीनमैन की उपाधि-2019
2. डॉ भीमराव अंबेडकर युवा मण्डल नौल्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए सम्मान पत्र-2020
3. पर्यावरण प्रहरी अवॉर्ड-2022 ( प्रकृति रक्षा एवं संरक्षण समिति )
4. पौधागिरी अवॉर्ड -2021 ( आरम्भ फाउंडेशन )
5. पानीपत स्टार अवॉर्ड -2021- कल्याणी एजुकेशन वेलफेयर ट्रस्ट व उज्ज्वल फाउंडेशन
6. 26 जनवरी,2022 को जिला प्रशासन पानीपत द्वारा प्रशस्ति -पत्र
7. 29 जुलाई,2022 को देशबन्धु गुप्ता राजकीय महाविद्यालय पानीपत की प्रिंसिपल द्वारा प्रशस्ति-पत्र

अन्य अवॉर्ड

1. शिक्षक रत्न अवॉर्ड -2018 ( नारी तू नारायणी उत्थान समिति-पानीपत)
2. शिक्षक सम्मान-2019 ( दैनिक भास्कर व एपिट
एसडी इंडिया)
3. बेस्ट टीचर अवॉर्ड-2020-2021, हिसार
4. शिक्षक रत्न अवॉर्ड-2021 भिवानी
5. भीम रत्न अवॉर्ड -2021 हिसार
6. हरियाणा भीम रत्न अवॉर्ड-2022 को रोहतक।
7. कोरोना योद्धा अवॉर्ड-2019 ( नारी तू नारायणी पानीपत)
8. कोरोना योद्धा अवॉर्ड-2020 ( हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट )
9. समाज रत्न अवॉर्ड-2023 जिला राजस्व अधिकारी पानीपत।
10. नवम्बर-2020 में हरियाणा स्तर का पर्यावरण प्रहरी अवॉर्ड माता रोशनी देवी समाज सुधार समिति के अंतर्गत 51 पर्यावरणविदों को सम्मानित किया गया।
11. इसके अतिरिक्त 50 से अधिक संस्थाओ द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।

 

 

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संघर्ष एवं रुकावटें
प्रो. दलजीत ने बताया कि महाविद्यालय में कुछ लोगों ने उनके पर्यावरण संरक्षण के कार्यों को रोकने का षड्यंत्र रचा तो, हिम्मत ना हार कर पर्यावरण संरक्षण की मुहीम को महाविद्यालय के बाहर गांव गांव तक पहुंचा दिया।
वहीं कुछ दोस्तों ने तंज कसा था कि देखते हैं कि कब आपके लगाए पौधे फल व छाया देंगे ? उन्हीं के मुख से आज प्रशंसा निकलती है। प्रो. दलजीत बताते हैं कि पर्यावरण संरक्षण की मुहीम व सामाजिक कार्यो में अपनी कमाई का 5 से 10 प्रतिशत तक खर्च करते हैं। इस अभियान में उनकी पत्नी मनजीत कौर हमेशा उनका साथ देती है और अब 4 साल 5 माह की बेटी जैसमीन कौर भी पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक होकर वृक्षारोपण कार्यक्रमों में भाग लेती है।