पानीपत। समाज सेवा संगठन की ओर से गुरुवार को जीटी रोड पर 28वाँ शिवरात्रि भण्डारा व कावड़ शिविर का शुभारंभ मुख्य अतिथि समाज सेवी विजय जैन ने रिबन काट कर किया व जोत प्रचण्ड समाज सेवी नरेश जैन ने की। विजय जैन ने कहा समाज सेवा संगठन शिवभक्त कावड़ियों की सेवा कर बड़ा ही पुण्य का काम कर रहा है और समय समय पर सामाजिक व धार्मिक कार्ये करता रहता है। संगठन अध्यक्ष प्रवीन जैन ने बताया शिवभक्त गंगोत्री गोमुख हरिद्वार से गंगा जल लाकर सभी कष्टों को पार कर अपने गांव के मंदिरों में शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं, जिससे भोलेनाथ बहुत प्रसन्न होते है और अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते है।
जो भगवान की सेवा व व्रत करता है, भगवान उस पर प्रसन्न होते है
जो शिवभक्तों के लिए रास्ते में शिविर लगाकर शिवभक्तों की सेवा करते है, उन पर बाबा भोलेनाथ अति प्रसन्न होते है। बिना मांगें ही उनको हर चीज मिल जाती है। शास्त्रों में भी वर्णन है जो भगवान की सेवा व व्रत करता है, भगवान उस पर प्रसन्न होते है। लेकिन जो भक्तों की सेवा करता है वो भगवान को अति प्रिय है। जैन ने बताया सबसे पहले कावड़ की शुरुआत भगवान परशुराम ने की थी। जनश्रुति है कि भगवान विष्णु के अवतार परशुराम एक बार मयराष्ट्र (वर्तमान मेरठ) से होकर निकले तो उन्होंने पुरा नामक स्थान पर विश्राम किया। वह स्थान परशुरामजी को बहुत सुंदर लगा। परशुरामजी ने उसी स्थान पर एक भव्य शिव मंदिर बनवाने का संकल्प लिया। मंदिर में शिवलिंग की स्थापना के लिए पत्थर लेने वे हरिद्वार के गंगा तट पर पहुंचे। वहां उन्होंने मां गंगा से एक पत्थर प्रदान करने का अनुरोध किया।
भगवान भोले नाथ मनोकामना पूरी करते हैं
परशुरामजी की बात सुनकर सभी पत्थर रोने लगे क्योंकि वे देवी गंगा से अलग नहीं होना चाहते थे। तब भगवान परशुराम ने उनसे कहा कि जो पत्थर वह ले जाएंगे, उसका चिरकाल तक गंगा जल से अभिषेक किया जाएगा। भगवान परशुराम पत्थर लेकर आए और उसे शिवलिंग के रूप में परशुरामेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित किया। इसके बाद से ही कावड़ यात्रा की परंपरा शुई। आज भी भक्त कावड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार से गंगाजल लाकर मेरठ स्थित परशुरामेश्वर मंदिर में व अपने गांव के मंदिरों में शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। और भगवान भोले नाथ उनकी मनोकामना पूरी करते हैं। मोके पर गुलशन कटारिया, रमन खुल्लर, विकास जैन, कैलाश जैन, नरेंद्र नारँग, सरदार भूपेन्द्र सिंह, अतुल मुंजाल, सुरेश कामरा, करतार, आनन्द, अंकित माटा, गोपी सहगल, जोगिन्दर सिंह, सुभाष सक्सेना, अमित जैन, मोहित जैन, नीरज जैन आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।