व्यक्ति को हमेशा जिज्ञासु बनकर रहना चाहिए : गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज
Panipat News/Gita sage Swami Gyananand Maharaj
आज समाज डिजिटल, Panipat News :
पानीपत। प्रकृति हमेशा हमें सिखाती है इसलिए हमें सर्वदा शिक्षार्थी और जिज्ञासु बनकर रहना चाहिए। यह ज्ञानोपदेश परम पूज्य गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने श्री रघुनाथ धाम मन्दिर में अन्नपूर्णा वस्त्र एवं अनाज बैंक के वार्षिकोत्सव के दौरान कहे। वार्षिकोत्सव का प्रारंभ प्रसिद्ध गायक पवन एवं रतन ने अपने मधुर स्वरों में भजनों को गाकर किया। तत्पश्चात मुख्य अतिथियों संजय भाटिया सांसद, कृष्ण लाल पंवार राज्यसभा सांसद, विधायक प्रमोद विज एवं महिपाल ढांडा, उपायुक्त सुशील सारवान, मेयर अवनीत कौर, भाजपा जिलाध्यक्ष डा. अर्चना गुप्ता, पार्षद शकुन्तला गर्ग, पार्षद विजय जैन ने महाराज को फूल माला पहनाकर आशीर्वाद लिया एवं दशहरा कमेटी के सदस्यों ने मुख्य अतिथियों का दोशाला ओढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
महाराज ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया
तत्पश्चात अन्नपूर्णा वस्त्र एवं अनाज बैंक के संस्थापक सदस्यों एवं आजीवन सदस्यों को महाराज ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। संजय भाटिया ने कहा कि सेवा जिस भी रूप में की जाये वह सेवादार को सदैव आगे ले जाती है। राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि जब वह जेल मंत्री थे, तब उन्होंने जेलों में गीता पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करवाए जिससे कैदियों पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा था। प्रमोद विज ने कहा कि हम जब भी धार्मिक स्थान पर जायें तो वहां से कुछ न कुछ अच्छे संकल्प लेकर आयें तभी जाने का फायदा है। महीपाल ढांडा ने कहा कि जब भी हम सत्संग में जाएं तो हमारा उद्देश्य सत्संग सुनकर उसपर अधिक से अधिक मनन करने का हो ताकि अच्छी बातों को हम आत्मसात कर सकें।
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जब हम सेवा करने जाते हैं तो वास्तव में उससे लाभ सेवा करने वाले को ही होता है
तत्पश्चात गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने अपने प्रवचनों में कहा कि एक संत महाराज बदरीनाथ धाम की यात्रा पर थे। रास्ते में बर्फ पर चलते चलते उनके पांव ठण्डे पड़ गए और वो एक स्थान पर बैठ गए। तभी उन्हें वहां एक युवक आता हुआ दिखाई दिया उन्होंने उसे युवक को बुलाकर कहा कि वह उनके पांव के तलवों की थोड़ी देर मालिश कर दे, जिससे उन्हें कुछ आराम हो सके। यह सुनकर युवक ने कहा कि उसके खुद हाथ ठण्ड से जम गए हैं, लेकिन फिर भी वह अनमने भाव से संत के पैरों की मालिश करने लगा, लेकिन थोड़ी देर में ही उसे सुखद आश्चर्य हुआ जब उसके ठण्ड से जम गए हाथों में ऊर्जा का अनुभव हुआ। इस पर उस संत ने कहा कि जब हम सेवा करने जाते हैं तो वास्तव में उससे लाभ सेवा करने वाले को ही होता है।
कोविड ने पिछले 2 सालों में हमें बहुत कुछ सिखाया
उन्होंने कहा कि कोविड ने पिछले 2 सालों में हमें बहुत कुछ सिखाया है, व्यक्ति को हमेशा जिज्ञासु बनकर रहना चाहिए। सेवा पर बल देते हुए महाराज जी ने कहा कि हमें अपने सामर्थ्य का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए, अपनी सोच को उदार बनाना चाहिए। श्री रघुनाथ धाम में गरीब बच्चों के स्कूल के लिए हाल कमरे के निर्माण के लिए संजय भाटिया लोकसभा सांसद, कृष्ण लाल पंवार राज्यसभा सांसद, विधायक प्रमोद विज एवं महिपाल ढांडा ने 11-11 लाख रुपए अनुदान देने की घोषणा की। प्रधान रमेश माटा ने आए हुए सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया।
ये रहे मौजूद
मंच संचालन वेद बांगा, कैलाश नारंग और देवेन्द्र रेवड़ी ने किया। इस अवसर पर ओम प्रकाश माटा, लोकेश नांगरू, कालू बजाज, हरीश मक्कड़, पूर्व मेयर भूपेन्द्र सिंह, विभु पालीवाल, अशोक बांगा, चन्दन विज, सतीश गंगवानी, कृष्ण रेवड़ी, रमन जेठी, चिमन गुलाटी, अरूण सेठी, अश्विनी शर्मा, किशोर गोस्वामी, सूरज दुरेजा, आसानंद जुनेजा, विरेन्द्र सोनी, पुरूषोत्तम शर्मा, हरबंस लाल अरोड़ा, विजय कुमार सलूजा, कपिल महेन्द्रू, तिलक राज छाबड़ा, शाम सुन्दर बतरा, चिमन सेठी, किशोर अरोड़ा, प्रीतम गुलाटी, अशोक नारंग, डा. रमेश चुघ, कृष्ण गोपाल सेठी, रमन पाहवा, अमित तनेजा, महेन्द्र पसरीचा, कैलाश चन्द्र लूथरा, दीनानाथ, पंकज सेठी, जयदयाल तनेजा, कृष्ण लाल शर्मा, लीला कृष्ण भाटिया, स्वप्निल जुनेजा, धीरज बांगा, राघव रामदेव, सूरज बरेजा आदि उपस्थित थे।