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पानीपत। योगा दिवस के मौके पर राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान के (एनएसटीआई-महिला) केंद्र जीटी रोड,पानीपत में वहां के उप निदेशक सतीश कुमार के नेतृत्व में आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक (सागर तागरा व आर्ट ऑफ लिविंग जिला मीडिया कोऑर्डिनेटर विशाल गोस्वामी द्वारा संयुक्त रुप से योगा करवाया गया। इस अवसर पर संस्थान के लगभग 150 प्रशिणार्थियों, कर्मचारियों व अधिकारियों ने भाग लिया। इस दौरान उन्होंने सूक्ष्म व्यायाम की क्रियाएं, आसन, म्यूजिकल योगा व ध्यान की प्रक्रिया करवाई और इनसेे होने वाले लाभ की पूरी जानकारी दी।
व्यक्तिगत चेतना या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना या रूह से मिलन
योग पर बोलते हुए सागर तागरा ने कहा कि योग शब्द का शाब्दिक अर्थ जोड़ना या मिलान होता है। योग शब्द संस्कृत धातु ‘युज’ से निकला है, जिसका मतलब है व्यक्तिगत चेतना या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना या रूह से मिलन। योग, भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है। जहां तक योग से होने वाले लाभ की बात की जाए तो योग व्यक्ति में जागृति चेतना सजगता लाता है। प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के अलावा योग एक व्यक्ति को शारीरिक रूप से स्वस्थ एवं भावनात्मक रूप से स्थिर बनाता है। योग करने से मन आनंदित रहता है, बुद्धि तीक्ष्ण होती है। यह उर्जा और उत्साह को उच्च स्तर में बनाय रखता है।
योग व ध्यान के निरंतर अभ्यास से मानसिक तनाव होता है दूर
योग व ध्यान के निरंतर अभ्यास से मानसिक तनाव दूर होता है और व्यक्ति की नकारात्मक सोच धीरे-धीरे खत्म हो जाती है जिससे व अपने लक्ष्य कि और तीव्रता से बढ़ता है और समाज के विकास में अपना योगदान दे पाता है। इस दौरान (राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान महिला) का पूरा स्टाफ उप निदेशक सतीश कुमार, सह निदेशक प्रशिक्षण कवलजीत कौर व एसएस मीना, प्रशिक्षण अधिकारी तनुश्री शर्मा व विद्यार्थी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
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