Aaj Samaj (आज समाज),Geeta Manishi Swami Gyananand Maharaj, पानीपत : श्री कृष्ण कृपा जिओ गीता सेवा समिति पानीपत द्वारा परम पूज्य गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सानिध्य में व्यास पूजा महोत्सव निधिवन गार्डन सेक्टर 25 पानीपत में धूमधाम से मनाया गया। उक्त जानकारी देते हुए सुरेश शर्मा महासचिव श्री कृष्ण कृपा जीओ गीता सेवा समिति पानीपत ने बताया कि सुबह 6:00 बजे गीता पूजन व आरती के साथ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ, जिसमें पानीपत नगर के भगत जनों के अतिरिक्त सोनीपत, असंध, सफीदों, जींद घरौंडा, गुरुग्राम, समालखा से आए श्रद्धालुओं ने व्यास पीठ पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
- श्री कृष्ण कृपा जिओ गीता सेवा समिति पानीपत द्वारा व्यास पूजा महोत्सव धूमधाम से मनाया
भारत देश सनातन परंपराओं का व त्योहारों का देश
पानीपत के उपायुक्त वीरेंद्र दहिया, सांसद संजय भाटिया, सांसद कृष्ण लाल पंवार, भाजपा जिला अध्यक्ष अर्चना गुप्ता, विधायक प्रमोद महिपाल ढांडा, पार्षद लोकेश नागरू, रविंदर भाटिया, पार्षद पति अशोक छाबड़ा, संजय छोकर, कृष्ण दीवाना, गजेंद्र सलूजा, ओम प्रकाश माटा व पानीपत की सभी धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के सदस्यों ने व्यास पूजन कर महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया महाराज ने अपने संबोधन में बताया के आज दोपहर बाद आषाढ़ पूर्णिमा शुरू हो जाएगी। जिसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं महा ऋषि व्यास सब ग्रंथों व पुराणों के रचयिता है। जिस गद्दी पर बैठकर संत प्रवचन करते हैं उसे व्यास गद्दी कहते हैं। भारत देश सनातन परंपराओं का व त्योहारों का देश है। व्यास पीठ पर कुल परंपराओं की व ज्ञान की बात होती है। इस पीठ की अपनी मर्यादा है। आज का पर्व उन्हीं परंपराओं का सम्मान करने का दिन है।
प्रभु नाम से ही मन की शांति का मार्ग प्रशस्त होता है
हमें हम सनातन परंपरा ग्रंथों पुराणो के रचयिता के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का दिवस है। ग्रंथों का अध्ययन व पूजा पाठ ही मन की शांति का मूल मंत्र है। संसार में उलझ कर मन की शांति नहीं होती शांति के लिए जीव को अपना मन प्रभु में लगाना पड़ता है। प्रभु नाम से ही मन की शांति का मार्ग प्रशस्त होता है। यह नश्वर संसार जीव को शांति प्रदान नहीं कर सकता। आज का पर्व आस्था समर्पण संकल्प का पर्व है। वाणी में कटुता ना हो ईर्ष्या, द्वेष, अहंकार त्यागने का पर्व है। सब प्राणियों में सद्भाव प्रेम भाव का संकल्प लेने का पर्व है। मन की शांति के लिए गीता पाठ बहुत आवश्यक है। गीता ही ऐसा ग्रंथ है जो सर्व भौम सद्भाव प्रेम भाव का प्रतीक है। जनकल्याण व संपूर्ण जगत में प्रेम सद्भावना का मार्गदर्शक है। आगे पुरुषोत्तम मास आ रहा है, इसमें गीता जी के 15 अध्याय का पाठ अवश्य करें, जो जीव को प्रभु से मिलाने का मार्गदर्शन करता है। इस अवसर पर श्री कृष्ण कृपा जिओ गीता समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहे इसके पश्चात सब भक्तों ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया।