गौसेवकों ने बचाई गौमाता की जान

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Panipat News/Gau sevaks saved the life of cow
Panipat News/Gau sevaks saved the life of cow
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। एनएफएल पानीपत के जंगलों में एक गऊ-माता के गर्दन पर पिछले लगभग 1 वर्ष से एक रस्सी टाइट बंधी हुई थी। अधिक दिनों तक रस्सी बंधने की वजह से गऊ-माता के गर्दन के मांस में गढ़ गई थी। रस्सी के टाइट होने के कारण गऊ-माता के गर्दन में बहुत गहरा घाव होने के कारण कीड़े चलने शुरू हो गए थे और गऊ-माता इस बहुत बड़े गहरे घाव से बहुत ज्यादा दर्द से परेशान हो रही थी। कान्हा गौवंश रक्षा उपचार एवम् कल्याण संस्था समालखा व कामधेनु उपचार सेवा समिति पानीपत इन दोनों संस्थाओं के मेहनती गऊ सेवकों ने मिलकर एक प्रण किया कि जब तक हम इस गऊ-माता को पकड़ कर यह रस्सी नहीं काट देते तब तक हम कोई भी अपने घर नहीं जाएंगे।

गऊ – माता को चार दिन में पकड़ने में सफलता हासिल की

दोनों टीमों के एक-एक गऊ-सेवकों ने एक साथ मिलकर एनएफएल पानीपत के लगभग 5 किलोमीटर फेले जंगलों और खेतों में जो झाड़ी दार कांटों में भाग-भाग कर जो संघर्ष किया और गऊ – माता को चार दिन में पकड़ने में सफलता हासिल की। दोनों संस्थाओं के मेहनती गऊ सेवकों के प्रयास से गऊ-माता पकड़ी गई और वह गर्दन पर पिछले लगभग 1 वर्ष से बंधी रस्सी को काटकर प्राथमिक उपचार कर छोड़ दिया।

विशेष अपील

हमारी उन भाईयों से अपील है कि जो छोटे-छोटे बछड़ों और गऊ-माता का दूध पीकर गर्दन ( गले ) पर रस्सी बांध कर सड़क पर छोड़ देते फिर वह रस्सी कुछ दिनों बाद इतनी टाइट हो जाती है | जिससे जख्म होना शुरू हो जाता है। टीम के सदस्यों ने एक और अपील की कि दूध पीकर गऊ-माता और उसके बच्चे को गऊशाला में ही छोड़कर आएं, नहीं तो इस तरह तरह लावारिस छोड़ने से पाप के भागीदार बनते हैं।

इनका विशेष सहयोग रहा

काऊ टास्क फोर्स जिला पानीपत इंचार्ज डीएसपी संदीप कुमार का बहुत सहयोग मिला। इसके साथ ही इस ऐतिहासिक सेवा में रिंकू आर्य, प्रदीप भापरा, अमित, मंदीप भापरा, साहिल शर्मा, गौरव वर्मा, मोहित, प्रिंस वर्मा, लक्की, अंकित उप्पल, शिवम गाबा, सागर कश्यप, विकास, राहुल, दीपक, गौरव समालखा, अनुराग, तुषार आदि गौभक्त मोजूद रहें हैं।