- हरियाणा में वैदिक संस्कार निर्माण करने में समर्पित भाव से कार्य करेगी हरियाणा आर्य प्रतिनिधि सभा रोहतक: आर्य
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के परिसर में महर्षि दयानन्द बाल गुरूकुल पानीपत के आधारशिला समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह के मुख्यातिथि आर्य प्रतिनिधि सभा हरयाणा के प्रधान राधाकृष्ण आर्य रहे। रोहतक सभा के अन्तरंग सदस्य राममेहर सिंह, वीर दल के दीपक आर्य विशिष्ट अतिथियों में शामिल रहे। थर्मल के अधिकारी कृष्ण सिंह और वेद प्रचारक व अध्यापक सुरेन्द्र सिंह विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे। समारोह की अध्यक्षता प्रबन्धक रामपाल सिंह जागलान ने की। आर्य कन्या स्कूल के प्रबन्धक राजेन्द्र आर्य ने सभी का स्वागत किया और प्राचार्य मनीष घनगस ने सभी का आभार व्यक्त किया।
शुभारंभ वैदिक पाठ से हुआ
समारोह का शुभारंभ वैदिक पाठ से हुआ, मुख्य अतिथि ने हरियाणा स्तर पर आयोजित खेल प्रतियोगिता में आमीर को प्रथम, दीपांशु को भी प्रथम और गौरव को तृतीय स्थान प्राप्त करने पर क्रमशः 11000 व 11000 तथा 5100 का नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इससे पुर्व मुख्य अतिथि ने पूरे वैदिक विधि विधान के साथ यज्ञ में शिला पूजन करने के बाद पूर्ण आहूति दी। कोषाध्यक्ष अशोक आर्य ने पूरे विधि विधान से यज्ञ सम्पन्न करवाया तथा मुख्य अतिथि आर्य समाज के प्रति समर्पित गणमान्य व्यक्तियों को भी सम्मानित किया। शान्ति पाठ के साथ ही समारोह सम्पन्न हो गया।
प्राचीन काल से ही भारतीय सभ्यता और संस्कृति को विशेष गौरव हासिल
मुख्य अतिथि आर्य प्रतिनिधि सभा हरयाणा के प्रधान राधाकृष्ण आर्य ने कहा कि प्राचीन काल से ही भारतीय सभ्यता और संस्कृति को विशेष गौरव हासिल है। हमारे ऋषियों ने लगभग 5500 वर्ष पूर्व वेदों की रचना करके विश्व को सभ्यता, संस्कृति, गणित और ज्ञान विज्ञान का पाठ पढाया था लेकिन गुलामी के दिनों में विदेशी अक्रान्ताओं ने हमारी संस्कृति को तहस नहस करने के अनेक प्रयास किए, लेकिन स्वामी विरजानन्द, ऋषि दयानन्द और स्वामी श्रद्धानन्द जैसे वीर महात्माओं ने पुनः वैदिक सस्ंकार स्थापित करने के लिए सत्यार्थ प्रकाश और गुरूकुल प्रणाली को पुनः स्थापित करने का प्रयास किया।
कृषि के क्षेत्र में और अधिक अनुसंधान होना चाहिए
स्वामी दयानन्द ने ईश्वर की प्राप्ति में अपना सारा जीवन लगा दिया। आज इन्ही ऋषियों के बताए मार्ग पर चलते हुए आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा रोहतक ने पुनः बीड़ा उठाया है कि अब प्रदेश में और अधिक महर्षि दयानन्द बाल गुरूकुल और स्वामी श्रद्धानन्द बाल गुरूकुल स्थापित करके वैदिक ज्ञान विज्ञान और अनुसंधान के माध्यम से भारत को पुनः जगतगुरू बनाने के सभी प्रयास किए जाएंगे। उन्होने कहा कि गऊमाता, गुरू और गुरूकुल के माध्यम से ज्ञान और कृषि विज्ञान के क्षेत्र में गुरूकुल कुरूक्षेत्र की तर्ज पर अनेक उपलब्धियाॅं हासिल करने का कार्य तेजी से किया जाएगा।
मुख्य अतिथि आर्य ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है, इसलिए कृषि के क्षेत्र में और अधिक अनुसंधान होना चाहिए।
अपराध सरकारों से नहीं संस्कारों से समाप्त होते है
इस कार्य में आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा अनुसंधानकर्ताओं को पूर्ण सहयोग देगी। उन्होने कहा कि रोहतक सभा की ओर से सात प्रचार रथ तैयार करवाए गए है, जो हरियाणा के सभी जिलों के गांव गावं जाकर वेद प्रचार के माध्यम से वैदिक संस्कार देने का कार्य करेगी। उन्होने कहा कि शिक्षा ही वह साधन है।जो सामान्य मानव को महामानव बना देती है लेकिन संस्कारविहीन शिक्षा विनाश का कारण भी बन सकती है। इसलिए वैदिक संस्कारों का महत्व वर्तमान युग में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि अपराध सरकारों से नहीं संस्कारों से समाप्त होते है और संस्कार देने में सभी आर्य शिक्षण संस्थाएं सर्वोपरी मानी गई है।
शिक्षा केवल साधनों से ही नहीं साधना से प्राप्त होती है
उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल साधनों से ही नहीं साधना से प्राप्त होती है और उन्हें खुशी है कि सभी आर्य गुरूकुुलों में जहां ब्रहमचर्य का पालन करवाया जाता है। वहीं छात्रों से शिक्षा के प्रति कड़ी साधना और समर्पण भाव से कार्य करवाया जाता है। इस अवसर पर आर्य समाज काबडी के उप प्रधान ओमदत्त आर्य, विद्यालय प्रबन्धक समिति के सदस्य, देशराज वर्मा, संदीप आर्य, संगीत अध्यापक प्रमोद चैपड़ा सहित सभी अध्यापक व स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।