Former Governor Satyapal Malik : पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक प्रकरण के समर्थन में मलिक खाप की पंचायत आयोजित

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Panipat News/Former Governor Satyapal Malik 
Panipat News/Former Governor Satyapal Malik 
Aaj Samaj (आज समाज),Former Governor Satyapal Malik, पानीपत : पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के प्रकरण को लेकर रविवार को गांव उग्राखेड़ी की मुख्य चौपाल में मलिक खाप की पंचायत आयोजित हुई। इस दौरान मलिक बिरादरी के गांव राजाखेड़ी, रिसालू, निंबरी, कुटानी व उग्रा खेड़ी, नांगल खेड़ी व कुराड़ गांव के पदाधिकारी एकजुट हुए। जिसकी अध्यक्षता सतगामा प्रधान राजकुमार मलिक ने की। जिसमें सभी गांवों के करीब 40 पदाधिकारी शामिल हुए। जिन्होंने सत्यपाल मलिक प्रकरण पर अपना समर्थन दिया। पूर्व सरपंच बिंटू मलिक ने बताया कि सभी गांवों से कमेटी गठित की गई है। इन कमेटियों के पदाधिकारी सोमवार को दिल्ली जाकर सत्यपाल से मीटिंग करेंगे। उनसे बातचीत के आधार पर आगामी रणनीति तय होगी।

सत्यपाल मलिक समेत कुछ समर्थकों को थाने ले गई पुलिस

उल्लेखनीय है कि शनिवार को हरियाणा समेत देश के अन्य राज्यों की खापें जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मीटिंग करने पहुंची थी। जहां पुलिस ने मीटिंग करने की परमिशन न होने की बात कहते हुए उन्हें मीटिंग करने से रोका। इसके बाद सत्यपाल मलिक समेत अन्य खापों और यूनियन ने पुलिस को खुद की गिरफ्तारी देने की बात कही। जिसके बाद सभी को वहां से डिटेन किया गया। पुलिस सत्यपाल मलिक समेत कुछ समर्थकों को आरके पुरम थाने में ले गई। जबकि कुछ को वहां से कुंजपुरा थाने ले गई थी। जहां से करीब 3 घंटे बाद उन्हें छोड़ा गया था। मामला सत्यपाल मलिक की टिप्पणी के बाद आए सीबीआई की चिट्ठी से जुड़ा हुआ है।

 

एक नजर मामले पर 

बता दें कि 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। उस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। सत्यपाल मलिक, उस वक्त जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे। उन्होंने अपने साक्षात्कार में कहा, प्रधानमंत्री को कश्मीर के बारे में ‘गलत जानकारी’ है। वे वहां से ‘अनभिज्ञ’ हैं। सत्यपाल मलिक ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा, केंद्रीय गृह मंत्रालय की चूक के कारण फरवरी 2019 में पुलवामा में जवानों पर घातक हमला हुआ, मुझे (सत्यपाल मलिक) उसके बारे में बोलने से मना किया था। सत्यपाल मलिक ने कहा, सीआरपीएफ ने एयरक्रॉफ्ट की मांग की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विमान देने से इनकार कर दिया था। सड़क मार्ग पर प्रभावी ढंग से सुरक्षा इंतजाम नहीं थे।

हमला गृह मंत्रालय की ‘अक्षमता और लापरवाही’ का नतीजा था

बतौर सत्यपाल मलिक, वह हमला गृह मंत्रालय की ‘अक्षमता और लापरवाही’ का नतीजा था। उस समय राजनाथ सिंह गृह मंत्री थे। मलिक ने कहा, उन्होंने इन सभी चूकों को प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया। पुलवामा हमले के दौरान प्रधानमंत्री कॉर्बेट पार्क में थे। जब पीएम से बात हुई तो उन्होंने इस बारे में चुप रहने और किसी को न बताने के लिए कहा था। एनएसए अजीत डोभाल ने भी उन्हें चुप रहने और इस बारे में बात न करने के लिए कहा। मलिक ने कहा, उन्हें फौरन एहसास हुआ कि यहां इरादा पाकिस्तान पर दोष मढ़ना और सरकार और भाजपा के लिए चुनावी फायदा पाना था।

 

 

 

 

 

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