Panipat News सांग में लोक गायक पंडित विष्णु दत्त ने सुनाया पद्मावत का किस्सा

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Folk singer Pandit Vishnu Dutt narrated the story of Padmavat in the song

खरखौदा । शहर के छपड़ेश्वर धाम मंदिर में चल रहे सांग में लोक गायक पंडित विष्णु दत्त शर्मा ने पद्मावत का किस्सा रागनियों के माध्यम से सुनाया। उन्होंने किस्सा सुनाते हुए कहा कि रतनपुरी शहर में राजा जसवंत सिंह राज किया करते थे। उनके पुत्र का नाम रणवीर सेन था। उसी शहर में सूरजमल नाम का सेठ रहता था। सेठ के पुत्र का नाम चंद्र दत्त था। चंद्र दत्त और चंद्रसेन की आपस में गहरी मित्रता थी। एक दिन दोनों दोस्त जंगल में शिकार खेलने के लिए जाते हैं। जहां पर उन्हें हिरणों का समूह मिलता है। दोनों दोस्त हिरणों के समूह के पीछे शिकार के लिए चल पड़ते हैं। इस तरह दोनों दोस्त आपस में जंगल में बिछड़ जाते हैं। आगे चलकर रणवीर सेन को एक बाग में तालाब व मकान दिखाई देता है। रणवीर सिंह मकान के अंदर एक पलंग पर आराम करता है और उसे नींद आ जाती है। सुबह के समय बगीचे में 11 सहेलियों का एक समूह स्नान करने के लिए आता है। जब उनकी मुख्य सहेली पद्मावत तालाब में स्नान करने लगी तो पद्मावत की सहेलियों ने देखा कि मकान के अंदर एक मुसाफिर है। सहेलियों ने चंद्र सेन को कहा कि वह तुरंत यहां से चला जाए नहीं तो उनकी सरदार सहेली उन्हें जान से मरवा देगी। क्योंकि वह किसी मर्द की शक्ल देखना भी पसंद नहीं करती है। रणवीर सेन कहता है कि एक बार अवश्य मुझे अपनी सरदार सहेली से मिलवा दो। जब रणवीर सेन पद्मावत से मिलता है तो उसने अपनी सहेलियों से फूल मंगवाए और इशारा करके चली गई। बाद में चंद्रदत्त और रणबीर सेन जब आपस में मिलते हैं तो रणवीर सेन चंद्र दत्त से पूछता है कि मुझे बगीचे में एक लड़की मिली थी जो मुझे इशारा करके चली गई। रणवीर सेन बताता है कि लड़की ने पहले फूल अपने कानों से लगाया फिर उसे चबाया फिर सीने से लगाकर पैरों से फेंक दिया। चंद्र दत्त रणबीर सेन को बताता है कि जब लड़की ने फूल अपने कानों से लगाया । इसका अर्थ है कि वह कर्नाटक शहर की रहने वाली है। जब उसने फूल को चबाया। इसका अर्थ है कि उसके पिता का नाम दंत सेन है। पैरों से दबाने का अर्थ है कि उसका नाम पद्मावत है। जब उसने फूल को अपने सीने से लगाकर फेंका तो इसका अर्थ है कि वह उसे दिल से चाहती है। अगले दिन चंद्र दत्त और रणवीर सेन दोबारा उस बगीचे में जाते हैं। जब वह बगीचे में सहेलियों को देखते हैं तो पद्मावत ने एक सहेली से 12 फूल मंगाए। उसने पहले शीशा चमकाया। जिसका अर्थ था कि वह शीश महल में मिलेगी। फिर डोर लटकाई जिसका अर्थ था कि शीश महल में रस्सी लटकी मिलेगी। पद्मावत में जो 12 फूल अपने सिर के ऊपर से फेंके। इसका अर्थ है कि आप रात्रि को 12 शीश महल में आ जाना। इसके बाद चंद्र दत्त से विदा लेकर रणबीर सेन पद्मावत से मिलने के लिए शीश महल में जाता है। जब वह  शीश महल के अंदर गया तो पद्मावत सो रही थी। उसने पद्मावत को जगाया और पूछा कि उसकी 10 सहेलियां कहां है। पंडित लख्मीचंद ने इस किस्से के माध्यम से यह बताने की कोशिश की है कि चंद्र दत्त ब्रह्म है, रणवीर सेन जीवात्मा, पद्मावत प्रकृति (बुद्धि), जिसमें 10 सहेलियां इंद्रियां और ग्यारहवीं सहेली मन है।  बाबा मोहन दास ने बताया कि रविवार को गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष में मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा । जिसमें क्षेत्र के हजारों श्रद्धालुओं द्वारा प्रसाद ग्रहण किया जाएगा। इस मौके पर आचार्य अमर दास, विजेंद्र पाराशर, संदीप मटरा, नरेंद्र पाराशर ,विजय ठेकेदार, अजीत पिपली, बिल्लू सैनी व अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।