पानीपत: जिले में अग्निशमन सेवा सप्ताह मनाया जा रहा है। विभाग के कर्मचारी लोगों को आग की घटनाओं से होने वाले नुकसान से कैसे बचाव कर सकते हैं व घटना घटने की स्थिति में क्या जरूरी कदम उठा सकते है के बारे में रैलियों व प्रशिक्षण के माध्यम से जानकारी दे रहे हैं। उपायुक्त वीरेंद्र दहिया ने जानकारी देते हुए बताया कि अग्निशमन सेवा सप्ताह में इस बार का स्लोगन राष्ट्रीय अवसंरचना के विकास के लिए अग्नि सुरक्षा में जागरूकता है। उपायुक्त ने नागरिकों को कर्मचारियों का सहयोग करने की अपील करते हुए कुछ हिदायतें बरतने को कहा है, ताकि आग से होने वाली नुकसान से बचाव किया जा सके। उपायुक्त ने कहा कि घर और कार्यालय में स्मोक डिटेक्टर अवश्य लगायें व निश्चित अंतराल पर इमारत में लगे फायर अलार्म,स्मोक डिटेक्टर,पानी के स्रोत,सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली अग्निशमन की जांच करवाते रहे।
हमेशा चेतावनी की घंटी को सक्रिय रखें
उपायुक्त ने बताया कि आग लगने पर हम 101-112 नंबर पर कॉल करके बड़ी घटना से होने वाले नुकसान में बचाव कर सकते हैं। अग्निशमन के कर्मचारी घटना की सूचना मिलने पर तुरंत कार्यवाही करें व हमेशा चेतावनी की घंटी को सक्रिय रखें। सूचना मिलने पर चेतावनी कम शब्दों में दे अन्यथा लोगों की घटना की गंभीरता को समझने में ज्यादा समय लगेगा। आग लगने पर लिफ्ट का प्रयोग न करके सीढ़ियों का प्रयोग करें। धुएं से घिरे होने की स्थिति में नाक और मुंह को गीले कपड़े से ढककर बचाव कर सकते हैं।
अग्निशामक यंत्रों का प्रयोग कब और कैसे करना है इस बारे में अवश्य जाने
उपायुक्त ने बताया कि अग्निशमन के अधिकारियों व कर्मचारियों को चाहिए कि वे अग्निशामक यंत्रों का प्रयोग कब और कैसे करना है इस बारे में अवश्य जाने और लोगों को भी जानकारी उपलब्ध कराये। जिला दमकल केंद्र अधिकारी यदविंद्र शर्मा ने बताया कि घटना के दौर कर्मचारियों को चाहिये की वो घटना स्थल पर भीड़ न लगने दे। इससे अग्निशमन सेवा और बचाव कार्यो में बाधा होती है। ऐसी स्थिति में 112 नंबर पर काल करके दूर हट जाये। यदि कपड़ों में आग लग जाये तो भागे नहीं इससे आग और भडक़ेगी। जमीन पर लेट जाएं और उलट-पलट रोल करें। किसी कंबल, कोट या भारी कपड़े से ढक कर आग बुझाने का प्रयास करें। भारी धुंआ और जहरीली गैस सबसे पहले छत की और इकट्ठा होती है इसलिए धुंआ हो तो जमीन पर झुक कर बैठे।