(Panipat News) मतलौडा। कृषि विभाग पानीपत कार्यालय की टीम ने रविवार को कृषि विभाग के एसडीओ डॉक्टर देवेंद्र कुहाड़ के नेतृत्व में मतलौडा क्षेत्र के खेतो का निरीक्षण किया। । उन्होने गांव उरलाना कला , खुर्द,नारा ,कवि, अदियाना, जोशी आदि गांव में दौरा करते हुए किसानों को अपने फसल अवशेष को न जलाने के प्रति जागरूक किया और किसानों को बताया कि अगर वह अपने फसल अवशेष में आग लगाएंगे तो उनके ऊपर दोहरी मार पड़ेगी।
डॉ देवेन्द्र कुहाड़ ने बताया कि अगर कोई किसान फसल अवशेष में आग लगाता हुआ पकड़ा गया तो उसके खिलाफ पर्यावरण प्रदूषण एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज होगा और साथ के साथ 5000 से 30000 तक जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसीलिए सभी किसानों से अपील है कि वह अपने फसल अवशेष में आग ना लगे और अपनी धान की पुराली को जमीन में ही मिलाए ,जिससे हमारी जमीन भी स्वस्थ रहेगी और पर्यावरण भी स्वस्थ रहेगा।
फसल अवशेष में आग लगने से हमारी जमीन और वातावरण पर बहुत ज्यादा दुष्प्रभाव पड़ता है
खंड कृषि अधिकारी डॉ विजेंद्र जागलान ने बताया की कृषि विभाग की तरफ से सभी किसानों को जिसने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर पंजीकरण किया है। अगर वह किसान अपनी फसल अवशेष को गांठ बनवाकर या जमीन में मिलाकर प्रबंधन करता है । तो उसको विभाग की तरफ से एक हजार रूपए प्रति एकड़ की अनुदान राशि दी जाएगी। जिसके लिए किसान को agriharyana.gov.in पर दोबारा पंजीकरण करना होगा। जिसकी अंतिम तिथि 30 नवंबर है। विषय विशेषज्ञ डॉ अरविंद कुमार ने बताया की फसल अवशेष में आग लगने से हमारी जमीन और वातावरण पर बहुत ज्यादा दुष्प्रभाव पड़ता है ।जो किसान के ऊपर मुकदमा दर्ज करने से भी ज्यादा घातक है ।
क्योंकि इससे हमारे शरीर से संबंधित अनेक बीमारियों का जन्म होता है। कृषि विभाग की टीम से जगफूल राठी , सतीन,सुरेंद्र सिंह ,विकास मलिक अन्य कर्मचारी ने भी किसानों को फसल अवशेष में आग न लगाने के प्रति जागरूक किया और अधिकारियों द्वारा खेत में मौके पर किसानों द्वारा लगाई गई आग को बंद करवाया और चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।
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