खेती को उद्यम का जरिया बनाएं किसान

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आज समाज डिजिटल, Panipat News :
पानीपत। एक ओर सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुना करने के लिए अनेक योजनाओं के माध्यम से प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं जागरूकता के अभाव में अनेक किसान फसलोपरांत प्रबंधन के प्रोजैक्ट लगाने के लिए शुरू की गई कृषि अवसंरचना कोष जैसी महत्वाकांक्षी योजना का लाभ नहीं उठा रहे हैं। यही कारण है कि योजना के चालू होने के एक साल बाद भी जिले में मात्र एक किसान ने ही इसका लाभ उठाया है। ऐसे में किसानों को केवल खेती पर आश्रित रहने की बजाय फसल कटाई उपरांत उत्पादन के उचित रख-रखाव के प्रबंधन को अपनाकर कृषि उद्यम की तरफ बढऩा चाहिए जिससे वे अपने जीवनस्तर में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

दो करोड़ रुपए तक का ऋण दिए जाने का प्रावधान

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पानीपत के उप निदेशक डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि भारत सरकार द्वारा एक लाख करोड़ रुपए की धनराशि से कृषि अवसंरचना कोष का गठन किया गया है। वर्ष 2020-21 से शुरू हुई यह योजना 2032-33 तक लागू रहेगी। इस योजना के तहत फसलोपरांत गतिविधियां जैसे कि अनाज एवं फसल-सब्जियों के रख-रखाव, संरक्षण वं प्रबंधन के लिए बुनियादी ढांचा और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों हेतु दो करोड़ रुपए तक का ऋण दिए जाने का प्रावधान है। योजना का उद्देश्य किसानों और खेती से जुड़े उद्यमों को इस ओर निवेश करने व आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करना है।

उत्पाद को अंतर्राष्ट्रीय बाजार पर उपलब्ध करवाना भी इस योजना का एक उद्देश्य

इसके अलावा किसानों को खाद्य मानकों पर आधारित उच्च गुणवत्ता की उपज के लिए प्रोत्साहित कर उनके उत्पाद को अंतर्राष्ट्रीय बाजार पर उपलब्ध करवाना भी इस योजना का एक उद्देश्य है। योजना के अंतर्गत कृषि उद्यमी और संस्थाएं कृषि से जुड़े उद्यमों और आधुनिक तकनीकों में दो करोड़ तक के निवेश पर ब्याज दर में 3 प्रतिशत छूट प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ-साथ 2 करोड़ तक के निवेश पर क्रेडिट गारंटी फण्ड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल इंटरप्राइजेज के द्वारा भी गारंटी प्रदान की जाएगी। कृषि उद्यमियों को गारंटी का कोई शुल्क वहन नहीं करना पड़ेगा, बल्कि यह शुल्क भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पात्र व्यक्ति/संस्थान एग्रीइंफ्रा पोर्टल एचटीटीपी://एग्रीइंफ्राडॉटडीएसीडॉटजीओवीडॉटइन पर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है।

योजना के लिए पात्रता

योजना के जिला नोडल अधिकारी एवं विषय विशेषज्ञ (पीपी) डॉ. देवेन्द्र कुमार ने बताया कि इस योजना के लिए कृषि उद्यमी, स्टार्ट-अप, स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पादक संगठन, संयुक्त देयता सकूह, प्राथमिक कृषि साख समितियां, विपणन सहकारी समितियां, बहुउद्देशीय सहकारी समितियां, कृषि उत्पाद विपणन समितियां व सहकारी संघ लाभ उठा सकते हैं।
इन योजनाओं के लिए मिलता है लाभ
कृषि अवसंरचना कोष के तहत फसलोपरांत प्रबंधन परियोजनाओं जैसे- ई.विपणन प्लेटफार्म सहित आपूर्ति श्रृंखला सेवाएं, वेयरहाउस, साइलो, पैक हाउस, जांच इकाइयां, छंटाई और ग्रेडिंग इकाइयां, शीत श्रृंखला, लॉजिस्टिक सुविधाएं, प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र व पकाई केंद्र के लिए ऋण सुविधा का लाभ मिलता है।

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