Aaj Samaj (आज समाज),Farmer Awareness Camps, पानीपत : कृषि तथा किसान कल्याण विभाग की ओर से हरियाणा सरकार की जल संरक्षण एवं भुमिगत जल स्तर को सुधारने की दिशा में चलाई जा रही स्कीम के अंतर्गत धान की सीधी बिजाई डीएसार पर पानीपत के विभिन्न खण्डो के गाँव राकसेडा, कैत, बराना, रसलापुर, कवि में किसान जागरूकता शिविरो का आयोजन किया गया। शिविर में कृषि विज्ञान केन्द्र, उझा के कृषि वैज्ञानिक डा. राजबीर गर्ग, डा. सतपाल, डा. मोहित, डा. राजेश, डा. सुनील ने कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के कृषि अधिकारियों के साथ मिलकर अपने-अपने अनुभव किसानों के साथ साझा किए।
धान की सीधी बिजाई दो तरीको से होती हैं
उन्होने बताया कि धान की सीधी बिजाई दो तरीको से होती हैं। पहली तो बिना पलेवा करे व दूसरी पलेवा करके। धान के बीज को स्ट्रेप्टोसाइक्लिन एंवम ईमिशन दवाई से उपचारित करके डीएसआर मशीन द्वारा खेत में दो से तीन से.मी. की गहराई पर बिजाई की जाती है। बिजाई के 72 घंटे के अंदर खरपतवार नाशी दवा पेंडीमिथालिन (स्टॉम्प) 1300 मि.ली. प्रति एकड का प्रयोग किया जाता है। खेत में सिचाई 7-10 दिनों के बीच जरूरत पडने पर की जाती है। इस प्रकार से हम लगभग 20-25 प्रतिशत पानी की बचत कर सकते है। रोपित धान की बजाए, सीधी बिजाई से ज्यादा लाभ ले सकते है।
साथ-साथ कम लागत में ज्यादा मुनाफा
कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि इस कड़ी में अब तक जिला पानीपत को वर्ष 2023-24 (खरीफ) में 15000 एकड धान लगाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसके तहत अब तक जिले में तीन हजार एकड का पंजीकरण हो चूका हैं व जिले के विभिन्न खण्डो के 20 गाँवो में किसानों को धान की सीधी बिजाई के फायदे विस्तार पुर्वक बताए जा चूके है। किसानो को धान कि सीधी बिजाई कि तकनीक से धान लगाने पर विभाग द्वारा चार हजार रूपये प्रति एकड का लाभ दिया जाता है। डीएसआर मशीन की खरीद पर चालीस हजार रूपये अनुदान राशि किसानों को दी जा रही है। इसके अलावा धान की सीधी बिजाई, पानी की बचत के साथ-साथ कम लागत में ज्यादा मुनाफा और वातावरण को प्रदुषित होने से बचाती है।
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