आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। आर्य बाल भारती पब्लिक स्कूल में हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार अंबिका प्रसाद दिव्य की जयंती और प्रसिद्ध साहित्यकार कवि अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध की पुण्यतिथि मनाई गई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय की प्राचार्या रेखा शर्मा ने की। विद्यालय के उप प्राचार्य आचार्य राजकुमार शर्मा ने इस कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इससे पूर्व सभी ने मिलकर वैदिक यज्ञ का आयोजन किया और शांति पाठ के साथ ही यह समारोह संपन्न हो गया।
नए शिक्षा सत्र से अध्यापन की शैली में दिखेगा व्यापक परिवर्तन
विद्यालय के प्रधान आर्य रणदीप कादयान ने बताया कि इस विद्यालय में जहां वैज्ञानिकों की जयंती मनाई जाती है, वहीं संस्कृत और हिंदी के विद्वानों की जयंती और पुण्यतिथि भी समय-समय पर मना कर छात्रों को इन विद्वानों से प्रेरणा लेने की सीख दी जाती है। विद्यालय के प्रबंधक आर्य राजेंद्र जागलान ने बताया कि 1 अप्रैल से आरंभ नए शिक्षा सत्र से विद्यालय के अध्ययन अध्यापन की शैली में व्यापक परिवर्तन किया जा रहा है। अब अभिभावकों और अध्यापकों व छात्रों को सभी जरूरी सुविधाएं दी जाएंगी, ताकि विद्यालय का परीक्षा परिणाम सभी विषयों में पहले से अधिक बेहतर आ सके।
ज्ञान के बिना जीवन के दुखों की समाप्ति नहीं हो सकती
विद्यालय के कोषाध्यक्ष मेहता मलिक ने बताया कि विद्यालय में तेजी से बढ़ रही छात्रों की संख्या को देखते हुए नए सेक्शन बनाए जाएंगे और साधन हीन परिवारों के बच्चों को उनकी प्रतिभा के अनुसार सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। विद्यालय में प्रवेश का कार्य प्रतिदिन किया जा रहा है और 31 मार्च तक प्रवेश लेने वाले छात्रों को विद्यालय की ओर से विशेष छूट इसमें प्रदान की जा रही है। प्राचार्या रेखा शर्मा ने कहा कि ऋते ज्ञा नात् न मुक्तिःअर्थात् ज्ञान के बिना जीवन के दुखों की समाप्ति नहीं हो सकती। इसलिए हिंदी भाषा का ज्ञान अपनी संस्कृति को जानने के लिए आवश्यक है।
महान् ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश सभी ग्रंथों का सार
उन्होंने कहा कि महान् देशभक्त गौ भक्त और वेदों के ज्ञाता महर्षि दयानंद सरस्वती ने उन संतो, महर्षियों,साहित्यकारों, स्वतंत्रता सेनानियों जिन्होंने वैदिक धर्म के प्रचार प्रसार और गौ रक्षा तथा गो कृषि को बढ़ावा देने में किसी भी रुप में सहयोग दिया, उनका सम्मान करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि महान् ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश सभी ग्रंथों का सार है और इसकी खूबी यह है कि इसे हिंदी में सरल शैली में लिखा गया है, जिसे आम आदमी सहज ही समझ लेता है।
शिक्षा के साथ-साथ वैदिक संस्कार दिए जाते हैं
उप प्राचार्य आचार्य राजकुमार शर्मा ने कहा कि आर्य बाल भारती स्कूल में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ वैदिक संस्कार दिए जाते हैं। यही नहीं विद्यालय में छात्रों को खेलकूद प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है। संगीत में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए भी व्यापक प्रबंध किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल से विद्यालय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट, पंजाबी, संस्कृत, म्यूजिक आदि भी पढ़ाई जाएंगे। इस अवसर पर हिन्दी और संस्कृत के अध्यापकों एवं अध्यापिकाओं को सम्मानित किया गया।