परीक्षा एक त्यौहार है : बलकार सिंह 

0
342
Panipat News/Exam is a festival: Balkar Singh
Panipat News/Exam is a festival: Balkar Singh
आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। परीक्षा के दिन किसी भी विद्यार्थी के लिए बड़े कठिन दिन होते हैं। इन दिनों परीक्षार्थी अपना समस्त ध्यान किताबों में देकर सम्भावित प्रश्नों को याद करने में लगा देता है। परीक्षा विद्यार्थी के लिए किसी भय से कम नहीं है। लेकिन परीक्षा कोई भय नहीं बल्कि एक त्यौहार है। परीक्षाएं हमेशा तनाव रहित होकर देनी चाहिए। वर्ष के शुरुआत से ही नियमपूर्वक अध्ययन न करने वाला विद्यार्थी परीक्षा के इन कठिन दिनों में काफ़ी परेशान होता है, और वह सहायक पुस्तकों का सहारा लेता है। परीक्षा के कठिन दिनों में कई छात्र नकल का सहारा लेकर पास होने के प्रयास करने लगते हैं।

तीन घंटे का एक-एक क्षण विद्यार्थी के लिए कीमती

कई छात्र निरीक्षक को लोभ-लालच देने का प्रयास करते हैं। नकल के लिए कई प्रश्नों के उत्तर लिखकर अपने कपड़ो में छिपाकर परीक्षा कक्ष में ले जाते हैं। परीक्षा कक्ष में नकल की घबराहट में पढ़े हुए प्रश्न भी भूल जाते हैं। परीक्षा के इन कठिन दिनों में परीक्षार्थी दिन रात इसी डर में रहते है की परीक्षा में क्या आएगा और क्या नहीं आएगा। अपने अध्यापक की सहायता से महत्वपूर्ण प्रश्नों को खोज कर उनका उत्तर ढूंढने के प्रयास में लग जाते हैं। परीक्षक प्रश्न-पत्र के माध्यम से उनके पूरे वर्ष की तैयारी का जायजा करते हैं। परीक्षा का समय तीन घंटे तय होता है। इस तीन घंटे का एक-एक क्षण विद्यार्थी के लिए कीमती होता है।

अनिवार्य है शुरु से ही पढ़ाई पर ध्यान देना

प्रश्न-पत्र को अच्छी तरह समझकर हल करना और भी कठिन कार्य होता है। किसी प्रश्न या प्रश्नों का उत्तर लम्बा लिख दिया तो अन्य प्रश्न छूटने का भय मन में बना रहता है। उत्तर प्रश्नों के अनुसार न दिए तो अंकों के कम होने की आशंका रहती है। विचारों को व्यक्त करने के लिए भाषा अनुकूल न बनी, तो भी गड़बड़ होने की आशंका होती है। परीक्षा के इन कठिन दिनों को साहसपूर्वक पार करने का अर्थ है सफलता का वरण करना । इसके लिए अनिवार्य है शुरु से ही पढ़ाई पर ध्यान देना। बार-बार पढ़ने से, सहायक पुस्तकों तथा अध्यापकों के सहयोग से कठिनाई दूर हो जाती है। परीक्षा के दिनों में आत्म-विश्वास को बनाए रखें, तथा जो कुछ पढ़ा है, समझा है, उस पर भरोसा रखें। इस कार्य में आप अपने सीनियर की मदद भी लें सकते हैं।

परीक्षा कक्ष में प्रश्न-पत्र को दो बार पढ़ो

परीक्षा कक्ष में लिए जाने से पहले अपने मन को शांत रखे। कोई अध्ययन सामग्री साथ न लें। परीक्षा कक्ष में प्रश्न-पत्र को दो बार पढ़ो। जो प्रश्न के उत्तर सबसे बढ़िया लिख सकते हो, उस उत्तर को पहले लिखो। उत्तर लिखने के बाद उस उत्तर को एक बार अच्छे से पढ़ लो। उत्तर को अंकों के अनुसार छोटा या बड़ा करना न भूलो। यदि कोई प्रश्न अधिक कठिन है, तो उस पर कुछ क्षण विचार करके उसे अंत में करें। आपका आत्मविश्वास इसमें रामबाण साबित होगा। परीक्षा को भयमुक्त होकर दें। कठिनाई को सरल बनाना या समझना मानव मन की अटलता और विवेक पर निर्भर है।