आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। प्राचीन काल में लोग नीम की पत्ती को गुड़ के साथ खाकर नया वर्ष मनाते थे, अर्थात नए वर्ष पर आपने सबसे पहले जो वस्तु ग्रहण की, वह है कड़वे और मीठे का मिश्रण; इसके बाद आप पंचांग देखते हैं, जो आपको दिवस के समय, तिथि, योग, नक्षत्र आदि के बारे में बताता है। इस प्रकार कटु-मधुर स्वीकार करने के साथ-साथ समय का ज्ञान आगे बढ़ने की अपार शक्ति देता है।
यदि जीवन केवल मधुर है तो उसमें गहराई नहीं
जीवन में जिसे आपने कड़वा समझा है उसने आपमें कुछ गहराई दी है, आपको मजबूत बनाया है। आपके जीवन में आई चुनौतियों ने कहीं न कहीं आपको दृढ़ और अधिक शक्तिशाली बनाया है और जीवन में मिली मिठास आपको सुकून देती है। यदि जीवन केवल कड़वा है तो उसका कोई आधार नहीं है। यदि जीवन केवल मधुर है तो उसमें गहराई नहीं है। अतः जीवन दोनों का मेल है और समय का भी ऐसा ही स्वभाव है। समय के चक्र में सदा कुछ न कुछ अद्भुत होता रहता है और कुछ ऐसा भी जो इतना सुखद नहीं होता।
दूसरों के साथ साझा करने और सेवा करने की क्षमता होनी चाहिए
जब कुछ ऐसा होता है जो इतना अच्छा नहीं है, तो आपके पास शक्ति, साहस और ज्ञान होना चाहिए और जब अच्छी चीजें होती हैं तो आपके पास दूसरों के साथ साझा करने और सेवा करने की क्षमता होनी चाहिए। जब आप प्रतिदिन ध्यान करते हैं तो क्या होता है कि अशुभ समय का प्रभाव कम हो जाता है और शुभ समय का प्रभाव बढ़ जाता है। इसलिए ज्ञान, सत्संग और सेवा सभी एक वास्तविक, प्रामाणिक उत्सव के घटित होने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। वास्तविक उत्सव तब होता है जब स्वभाव की पूर्ण स्वीकृति होती है।
आप में एक अभिनेता है और एक साक्षी है
चुनौतियां चाहे जैसी भी हों, हमें एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए प्रयास करते रहने की जरूरत है। यह तभी संभव है जब हम अपने भीतर स्थापित हो जाएं। आप में एक अभिनेता है और एक साक्षी है। जैसे-जैसे आप भीतर जाते हैं, आपके भीतर साक्षी पहलू बढ़ता जाता है और आप घटनाओं से अछूते रह जाते हैं; और जैसे-जैसे आप बाहर जाते हैं, आपके अंदर का अभिनेता परिस्थितियों का जवाब देने में अधिक कुशल हो जाता है।
संकल्प करें कि हम भीतर से अडिग रहेंगे और एक बेहतर दुनिया की ओर बढ़ेंगे
हमारे अस्तित्व के ये दो बिल्कुल विपरीत पहलू ध्यान द्वारा पोषित होते हैं। जब आप स्वयं के निकट आते हैं तो आपका कर्म संसार में शक्तिशाली हो जाता है और संसार में सही कर्म आपको स्वयं के निकट ले आता है। जैसे-जैसे नया साल आ रहा है, आइए हम संकल्प करें कि हम भीतर से अडिग रहेंगे और एक बेहतर दुनिया की ओर बढ़ेंगे। समय लोगों को बदल देता है लेकिन कुछ लोग होते हैं जो समय को बदल देते हैं। आप उनमें से एक हो सकते हैं। नववर्ष की शुभकामनाएं!
– गुरुदेव श्री श्री रविशंकर
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