आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत: ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका समेत 5 देशों के ब्रिक्स समूह द्वारा ह्यूमन और एनिमल वेस्ट से बायोफ्यूल, इथेनॉल व अन्य विश्व पर काम करने के लिए समालखा खंड के गढी केवल गांव के डा. रविंद्र गाहल्याण को मानद सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। रविंद्र को मानद सलाहकार बनाने पर केवल गढ़ी केवल गांव में ही नहीं समालखा का हल्के में खुशी की लहर देखने को मिल रही है। पावर एनर्जी टू क्लीन एनर्जी के अलावा अन्य काफी विषय पर रविंद्र शोध करेगा, इसके अलावा खेती, ऊर्जा, पर्यावरण, इंटर सिक्योरिटी, सेटेलाइट वर्किंग व अन्य विषयों को लेकर भी यह 5 देशों का ब्रिक्स समूह काम करेगा।
विषय को लेकर बड़ी गहनता के साथ काम किया जाएगा
इस संदर्भ में जब डा. रविंद्र गाहल्याण से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उपरोक्त विषय को लेकर बड़ी गहनता के साथ काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस आशा और उम्मीद पर मुझे मानद सलाहकार नियुक्त किया गया है निश्चित रूप से वह केवल समालखा का हल्का ही नहीं बल्कि जिला पानीपत के साथ-साथ हरियाणा प्रदेश और भारत का नाम विश्व भर में ऊंचा करने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि तो काम करना शुरू कर दिया गया है और इसमें भारत में 10 प्लांट बन गए हैं, कुल मिलाकर उन्होंने बताया कि भविष्य में जो भी पेट्रोल और डीजल गाड़ियों में डालेगा उसमें यह बायोफ्यूल एथेनॉल 20 से 50 प्रतिशत मिलाकर गाड़ियों में डालने का काम किया जाएगा, जो गाड़ियों के गुणवत्ता को बनाने के साथ-साथ प्रदूषण पर भी नियंत्रण करने का काम करेगा।
भारत सरकार और अन्य देशों की सरकार के साथ मिलकर काम करेगा
गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार में वर्तमान में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रविंद्र गाहल्याण ने बताया कि ब्रिक्स सीसीआई मूल संगठन है जो ब्रिक्स देशों में वाणिज्य और उद्योग को बढ़ावा देता है और विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के विषयों और युवा उद्यमियों के एम एस एम ई खंड के लिए एक सत्संग समर्थन प्रणाली तैयार करता है और इसी को लेकर ब्रिक्स वर्टिकल मुख्य रूप से नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करेगा और महत्वाकांक्षी विनिर्माण लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नीतिगत सुधारों को प्राथमिकता देने निवेश जुटाने विनिर्माण को बढ़ावा देने व सतत विकास लक्ष्यों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार और अन्य देशों की सरकार के साथ मिलकर काम करेगा। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों का फोकस सोलर विंड और बायो एनर्जी के क्षेत्र में बढ़ रहा है।
युवा पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए
उन्होंने बताया कि ब्रिक्स देशों में दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी रहती है और ऊर्जा उत्पादन और खपत में उनकी बड़ी भूमिका है, इसलिए ब्रिक्स सीसीआई एनर्जी वर्टिकल इस आवश्यकता को पहचानता है और अक्षय ऊर्जा और भंडारण और विनिर्माण के विकास पर ध्यान केंद्रित करता है। उन्होंने बताया कि इन दिनों समिति ध्यान केंद्रित करती है, बिजली क्षेत्र को स्वच्छ ऊर्जा में बदलने में ब्रिक्स देशों की विभिन्न सरकारों व्यवसाय वित्तीय संस्थानों उपयोगिताओं के साथ सहयोग की भी उम्मीद रखता है। उन्होंने बताया कि ब्रिक्स सीसीआई ऊर्जा समिति में सरकार उद्योग और विनियमन के प्रतिनिधि शामिल हैं जो एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करते हैं और नवाचार प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग में भारत की ताकत का लाभ उठाने और इसे एक ऊर्जा केंद्र बनाने का काम करते हैं। रविंद्र के द्वारा इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने से आज की युवा पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए कि वह कड़ी मेहनत व लगन से कार्य करेंगे तो वह भी रविंद्र की तरह अपने माता पिता अपने क्षेत्र और प्रदेश के साथ देश का भी विदेशों में नाम ऊंचा कर सकते हैं।