Aaj Samaj (आज समाज),पानीपत : उपायुक्त वीरेंद्र कुमार दहिया ने किसानों से अपील की है कि वे तेज गर्मी व तेज हवा के समय खेतों में कीटनाशकों का प्रयोग ना करें। उन्होंने कहा कि कीटों से निपटने के लिए किसान रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं। केमिकल और पेस्टीसाइडों के अंधाधुध प्रयोग से खेती और किसान दोनों को बहुत नुकसान पहुंचता है। कीटनाशकों का छिडक़ाव करते वक्त कई बार ऐसी स्थिति भी आती है जब किसान स्प्रे करते वक्त बीमार हो जाते हैं। कई बार मौत भी हो जाती है और स्प्रे करते वक्त आंखों की रोशनी भी चली जाती है। कैंसर समेत कई बीमारियों के लिए कुछ हद तक ये कीटनाशक ही जिम्मेदार हैं। इनका प्रयोग करते वक्त बहुत सी सावधानियां बरतनी चाहिए।
- केमिकल और पेस्टीसाइडों का प्रयोग करते वक्त बरते सावधानियां
कीटनाशकों का भंडारण बच्चों व पशुओं की पहुंच से दूर रखना चाहिए
उपायुक्त ने कहा कि कीटनाशकों का प्रयोग करते वक्त किसानों को बोतलों पर लिखे निर्देशों व मयाद की तिथि को पढऩा चाहिए उसके बाद उसका फसल के लिए प्रयोग करना चाहिए। यही नहीं किसानों को विषय संबंधी संकेतों को समझना चाहिए व छिडक़ाव करने वाले व्यक्ति को इसके बारे में पहले प्रशिक्षित होना चाहिए। उपायुक्त ने कहा कि कीटनाशकों की स्पर्श अथवा प्रवेश से बचाने के लिए रबड़ के दस्ताने, बूट,चश्मा व गैस मास्क का प्रयोग करना चाहिए। कीटनाशकों का भंडारण बच्चों व पशुओं की पहुंच से दूर रखना चाहिए। स्प्रे करने से पूर्व किसानों को कीटनाशकों को पानी में छड़ी से उसे मिलाना चाहिए व उसके बाद उसका प्रयोग करना चाहिए।
फसल पकने से 15 दिन पहले सप्रे ना करें
उपायुक्त ने बताया कि छिडक़ाव करते समय किसान पीठ को हवा की ओर रखें ताकि दवा शरीर पर ना पड़े। खेती में देर तक सप्रे ना करें। बीच-बीच में खेत से दूर विश्राम अवश्य करें। स्प्रे पंप के किसी भी भाग से कीटनाशक का रिसाव ना होने दे। तेज गर्मी तथा तेज हवा के समय में कीटनाशक का प्रयोग ना करें। उपायुक्त ने कहा कि कीटनाशक प्रयोग के बाद दवा से सने कपड़े, जूते और दस्ताने उतार कर दूर रख दें। खाली डिब्बों, बोतलों को तोडकऱ बंजर जमीन में दबाए। स्प्रे मशीनों को साफ करके न रखें। कीटनाशक प्रयोग के बाद हाथ, पांव,मुंह आदि साबुन लगाकर अच्छी तरह से साफ करें। छिडक़ावकत्र्ता के पास कोई व्यक्ति रहे जो विष चढऩे पर उसे संभाल सके। कीटनाशी प्रयोग के लिए खेतों में 2 सप्ताह तक पालतू पशुओं को न घुसने दे। फसल पकने से 15 दिन पहले सप्रे ना करें। फलों व सब्जियों को पहले पानी में भली प्रकार से धोयें। सब्जियों को छिलनें के बाद ही पकाए। लापरवाही से अथवा दुर्घटना होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।