जिला किसान क्लब की बैठक एवं प्रशिक्षण कैंप का हुआ आयोजन

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Panipat News/District Farmers Club meeting and training camp organized
Panipat News/District Farmers Club meeting and training camp organized

आज समाज डिजिटल, पानीपत :

 

पानीपत: ऊझा स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र व कृषि तथा किसान कल्याण विभाग पानीपत के तत्वाधान में जिला किसान क्लब की बैठक एवं प्रशिक्षण कैंप का आयोजन किया गया। जिसका विषय प्राकृतिक खेती, एकीकृत कृषि प्रणाली व कम लागत करने वाली तकनीकों के माध्यम से खेती में अधिक लाभ सुनिश्चित करना था। इस दौरान जिलेभर से 70 किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम में किसानों को प्राकृतिक खेती, फसल विविधीकरण, मोटे अनाज के उत्पादन व उनके सही उपयोग के बारे में विस्तार से जागरूक किया गया।

 

प्रकृति खेती की सारी प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी

इस दौरान कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ राजबीर गर्ग ने किसानों को एकीकृत कृषि प्रणाली, फसल विविधीकरण व प्रकृति खेती की सारी प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरसों के क्षेत्रफल में बढ़ोतरी से फसल विविधीकरण में मदद मिलती है। इससे किसान अतिरिक्त आय कमा सकते है। उन्होंने कहा कि सरसों में कम निवेश से किसानों ने 10 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार प्राप्त की है जिसमें गेहूं से भी ज्यादा मुनाफा मिला है। राजवीर गर्ग ने बताया कि बारिश में तूफान के कारण गेहूं की फसल में पौधे गिरने की जो समस्या आई थी उस वजह से पैदावार पर कोई नुकसान नहीं हुआ। इस दौरान उप कृषि निदेशक डॉक्टर वजीर सिंह ने बताया कि केंद्र व प्रदेश सरकार ने किसानों के हित के लिए अनेक योजनाएं बनाई है, इन्हीं के चलते किसानों को डैचा पर 80 प्रतिशत सब्सिडी व मूंग पर 75 प्रतिशत सब्सिडी किसानों को दी जा रही है जिसके लिए उन्हें 24 अप्रैल तक अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।

 

मेरी फसल मेरा ब्योरा पर अपना विवरण दर्ज करवाने का आह्वान किया

उन्होंने बताया कि प्रकृति खेती को बढ़ावा देने के लिए भी देसी गाय खरीदने पर अनुदान दिया जा रहा है। मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देने के लिए भी अनुदान की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई। उन्होंने किसानों को मेरी फसल मेरा ब्योरा पर अपना विवरण दर्ज करवाने का आह्वान किया। डॉक्टर मोहित ने विभिन्न फसल चक्र के आर्थिक विश्लेषण प्रस्तुत किए। डॉ राजेश बेरवाल ने प्राकृतिक खेती के विभिन्न आयामों के बारे में विस्तार से बताया। इस दौरान डॉ राधेश्याम, उपमंडल कृषि अधिकारी डॉक्टर राजेश भारद्वाज, डॉ श्वेता सिंह, डॉक्टर सतीश आदि ने भी किसानों को विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।