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पानीपत। आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने हरियाणा सरकार, डीसी, एसडीएम, पालिका सचिव को नोटिस भेज कर अशोक कुच्छल को 7 जुलाई को पालिका अध्यक्ष पद पर शपथ न दिलाने की मांग की हैं। नोटिस में चेतावनी दी है कि अगर शपथ दिलाई तो शपथ दिलाने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सिविल व क्रिमिनल कोर्ट में नामजद मुकदमें दर्ज करवाए जाएंगे। नोटिस में कपूर ने बताया कि उन्हें पता चला है कि नगर पालिका समालखा के निर्वाचन अधिकारी एवं उप मंडल अधिकारी (नागरिक)समालखा अश्वनी मलिक 7 जुलाई 2022 को समालखा नगरपालिका के अध्यक्ष पद पर बीजेपी की टिकट पर नव निर्वाचित अशोक कुमार पुत्र मिठन लाल को गुप चुप तरीके से शपथ दिलाने जा रहे है।
नामांकन पत्र में क्रिमिनल रिकॉर्ड छिपा कर व झूठे शपथ पत्र दे कर चुनाव जीता
इसके लिए बैक डेट में कागज़ी कारवाई भी गुप चुप कर ली गई है। जो कि राजनितिक दबाव में एक गैर कानूनी कार्य है ।कपूर ने बताया कि अशोक कुच्छल जो कि हरियाणा म्यूंसिपल इलेक्शन रूल्ज़ 1973 के सेक्शन 13 (ए) के सब सेक्शन 1 (ई)के अनुसार चुनाव लड़ने के अयोग्य है। इसने अपना क्रिमिनल रिकॉर्ड अपने नामांकन पत्र में छिपा कर व झूठे शपथ पत्र दे कर चुनाव जीता है। कुच्छल के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने व उनके निर्वाचन को रद्द करने के लिए कपूर ने 22 जून को अदालत मे चुनाव याचिका दायर कर रखी हैं ।इस मामले मे 5 जुलाई को दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने 8 जुलाई के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। पूरा मामला एस डीएम व डीसी संज्ञान में है व दोनो अधिकारी माननीय अदालत में कपूर द्वारा दायर चुनाव याचिका में पार्टी हैं।
गैर कानूनी तरीके से अधिकारी शपथ दिला रहे हैं
कपूर ने बताया कि आगामी 8 जुलाई 2022 को माननीय सिविल जज सीनियर (डिवीजन)समालखा की अदालत ने चुनाव याचिका पर महत्वपूर्ण निर्णय सुनाना है। आरोप लगाया कि सता में बैठी बीजेपी पार्टी की टिकट पर चुनाव जीते अशोक कुच्छल को पता है कि 8 जुलाई को अदालत में न्याय होगा व इसके फ़र्ज़ीवाड़े पर रोक जिससे, जिससे यह शपथ नही ले पाएगा। इसलिए राजनितिक दबाव में व दागी अशोक कुच्छल से मिलीभगत करके इसे राजनितिक लाभ पहुंचाने के लिए गैर कानूनी तरीके से अधिकारी शपथ दिलाने जा रहे हैं। नोटिस द्वारा कपूर ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अशोक कुच्छल को शपथ दिलाने के अपराध में शामिल न हों अन्यथा इंसाफ पाने के लिए अदालत में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध नामजद मुकदमें दर्ज कराए जाएंगे। न्याय पाने तक वे सुप्रीम कोर्ट तक अपना संघर्ष जारी रखेंगे।