Death Anniversary of The Founder of Haryana Vyapar Mandal : पानीपत के व्यापारियों ने हरियाणा व्यापार मंडल के संस्थापक स्व. लक्ष्मी चंद गुप्ता की मनाई पुण्यतिथि

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Panipat News/Death Anniversary of The Founder of Haryana Vyapar Mandal 
हरियाणा व्यापार मंडल के संस्थापक स्वर्गीय लक्ष्मी चन्द गुप्ता की पुण्यतिथि पर उनकी फोटो पर पुष्प अर्पित करते जिला प्रधान राकेश चुघ व अन्य।
Aaj Samaj (आज समाज),Death Anniversary of The Founder of Haryana Vyapar Mandal ,पानीपत:
हरियाणा के लौह पुरुष, व्यापारियों की निर्भीक आवाज, व्यापारी रत्न से सुशोभित एवं हरियाणा व्यापार मंडल के संस्थापक स्वर्गीय लक्ष्मी चन्द गुप्ता की 19वी पुण्यतिथि पर बृहस्पतिवार को हरियाणा व्यापार मंडल पानीपत के पदाधिकारियों ने पुष्पांजली सभा का आयोजन किया और उनकी फोटो पर पुष्प अर्पित करके उनको याद किया गया। स्व. लक्ष्मी चन्द गुप्ता को श्रद्धासुमन अर्पित करने वालो में हरियाणा व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष राकेश चुघ, पुरुषोत्तम शर्मा, सुरेश काबरा, विकी कत्याल, श्रीभगवान अग्रवाल, शिव कुमार मित्तल व जितेन गुप्ता आदि शामिल है।
  • स्व. लक्ष्मी चंद गुप्ता ने जीवन भर किया व्यापारियों के हितों के लिये काम: राकेश चुघ

मात्र 9 वर्ष की आयु में 1942 में देश की आजादी के आंदोलन में भाग लिया 

इस मौके पर व्यापारियों को संबोधित करते हुए हरियाणा व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष राकेश चुघ ने बताया कि लक्ष्मी चन्द गुप्ता हरियाणा राज्य बनने से पहले संयुक्त पंजाब के समय से ही व्यापार मंडलों से जुड़े रहे। वे बचपन से क्रांतिकारी विचारों के व्यक्ति थे। उन्होंने अपने जीवन के चार साल विभिन्न आंदोलनों के तहत जेल में बिताए। मात्र 9 वर्ष की आयु में 1942 में देश की आजादी के आंदोलन में भाग लेते हुए  झज्जर में पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिबंध रैली में स्कूल के छात्र समूह को साथ लेकर देश की आजादी के नारे लगाते हुए गिरफ्तारी दी। उन्होंने हिंदी आंदोलन, गोहत्या आंदोलन, आपातकाल व 1977 में चण्डीगढ़ व्यापारी आंदोलन, महम में लोकतंत्र की रक्षा को लेकर गिरफ्तारी दी। करनाल में अनाज मंडी व सब्जी मंडी की खुली सरकारी बोली का विरोध करते हुए गिरफ्तारी दी व हरियाणा व्यापार मंडल गठन उपरांत उन्होंने वर्तमान आढ़तियों को सरकारी मूल्य पर दुकान देने का नियम बनवाया।

हरियाणा व्यापार मण्डल का गठन वर्ष 1992 में किया, जीवन पर्यन्त प्रधान रहे

प्रदेश एवं जिला स्तर पर टैक्स एडवाइजरी कमेटियां बनवाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने हरियाणा व्यापार मण्डल का गठन वर्ष 1992 में किया व जीवन पर्यन्त 2004 तक वही प्रधान रहे। इस दौरान उन्होंने व्यापारी हितों के लिए अनेक संघर्ष किए। उन्होंने नगर पालिका, चुंगी कर व सेल्स टैक्स बैरियर को बंद करवाया। उन्होंने हरियाणा के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ व्यापारिक हितों के लिए संघर्षरत अनेक आंदोलनों का नेतृत्व किया। उन्होंने हरियाणा की 108 मंडियों के व्यापारियों को एक माला में पिरो कर उनके हकों के लिए उन्हें लड़ना सिखाया। उन्ही के संघर्ष का परिणाम था की उनकी एक आवाज पर पूरा हरियाणा महसूल चुंगी और वेट के खिलाफ तीन दिन के लिए पूरा हरियाणा ऐतिहासिक तौर पर बंद रहा। उनको हरियाणा व्यापारी रत्न से भी सम्मानित किया गया और 15 जून 2004 को वे प्रभु चरणों में विलीन हो गए। इस मौके पर राकेश चुघ व अन्य व्यापारियों ने सरकार से मांग की कि उनके नाम पर व्यापारी भवन  बनाने के लिये  सरकार द्वारा हरियाणा व्यापार मंडल को जगह अलाट करनी चाहिये।