पानीपत। बालमन के सम्पूर्ण विकास के लिए किताबी ज्ञान के साथ संस्कृतिक कार्यक्रमों में महारात हासिल करना होता है। आर्य गर्ल्स पब्लिक स्कूल में कक्षा नर्सरी से तीसरी कक्षा की छात्राओं ने क्लास शो में रंगारंग प्रस्तुति दी। मासूमियत इस क्लास शो की मुख्य कथा वस्तु थी। दीप प्रज्ज्वलन से इस रंगारंग कार्यक्रम का आगाज हुआ। योग की शानदार प्रस्तुति ने सभी को रोमांचित कर दिया। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है। फूलों के गुलदस्तों से प्रबंधक समिति के सदस्यों का स्वागत किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति सरस्वती वंदना ने सभागार को तालियो कि गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
परी नृत्य ने बांधा समां
परी नृत्य ने तो ऐसा समां बांधा मानो आकाश से दिव्य परियां उतर कर सभागार में नृत्य कर रही हों। जंगल थीम और प्रकृति पर आधारित नृत्य ने आधुनिक परिवेश में पर्यावरण को संरक्षित रखने पर जोर दिया। दादी, नानी के स्नेहपूर्ण संबंधो पर आधारित नृत्य ने सभी का मन मोह लिया। सभी अपने बचपन कि यादों में खो गए। कार्यक्रम की सराहना करते हुए वरिष्ठ सदस्य वीरेंदर सिंगला ने कहा कि बच्चे ही हमारे आने वाले कल का स्वर्णिम भविष्य है। आज के प्रतियोगिता के युग में बेटियों महती भूमिका है। इसलिए बचपन से ही उनमें नेतृत्व के गुणों का विकास होना अत्यंत आवश्यक है।
बच्चों में सीखने की क्षमता बड़ों से अधिक होती है
जूनियर विंग प्रभारी रीतू गोयल ने आए हुए सभी सम्मानीय सदस्यों और अभिभावकों का धन्यवाद किया। बाल्यावस्था जीवन का सुन्दर मस्ती से परिपूर्ण काल होता है, जिसमें बच्चा खेल खेल में बड़े से बड़ा कार्य सुगमता से कर लेता है, क्योंकि उनमें सीखने की क्षमता बड़ों से अधिक होती है। इस अवसर पर विद्यालय की कार्यकारणी समिति से वरिष्ठ सदस्य वीरेंद्र सिंगला, चेयरमैन सुरेन्द्र सिंगला, वाईस चेयरमैन अरुण, प्रबन्धक सीए कमल किशोर सिंगला, केशियर नरेश गर्ग, प्रधानाचार्या मीनाक्षी अरोड़ा जी तथा विद्यालय का स्टाफ बच्चो को उत्साहित करने के लिए सभागार में उपस्थित रहा।