चिलम जलाना, पर पराली मत जलाना

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  • कुटानी में हुक्का गुडग़ुड़ाते किसानों को किया जागरूक
  • फसल अवशेष प्रबंधन योजना का किया प्रचार

 

आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत किसानों को पराली न जलाने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के तहत शुक्रवार को विभाग की टीम जब गांव कुटानी में पहुंची तो कुछ किसान हुक्का गुडग़ुड़ाते हुए मिले। यहां पर विभाग के सहायक तकनीकी प्रबंधक (एटीएम) प्रताप ने किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी देते हुए किसानों को कहा कि आप भले ही चिलम जला रहे हो, परंतु पराली मत जलाना। वैसे तो धूम्रपान भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, परंतु पराली जलाने से बड़े स्तर पर दूसरे जीव-जंतुओं के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

पराली को पशुओं के चारे के रूप में प्रयोग कर सकते हैं

उन्होंने किसानों को कहा कि अगर खेत में अच्छी किस्म की धान है तो उसकी पराली को पशुओं के चारे के रूप में प्रयोग कर सकते हैं और दूसरे पशुपालकों को या सरकार द्वारा रिफाइनरी के पास बनाए गए एथेनॉल प्लांट को बेच सकते हैं। इसके अलावा किसान पराली को मशीनों के जरिये खेत में ही नष्ट करके खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसके लिए उन्हें एक हजार रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से सरकार से अनुदान भी मिलेगा।

पराली न तो जलाएंगे और दूसरों को भी पराली न जलाने के प्रति जागरूक करेंगे

गांव कुटानी में किसान प्रवेश मलिक, रणबीर मलिक, रमन, प्रताप सिंह, कुलदीप, जगबीर तथा राजाखेड़ी में सेवा सिंह, सुभाष शर्मा, बलवान व बलराज आदि ने विश्वास दिलाया कि वे पराली न तो जलाएंगे और दूसरों को भी पराली न जलाने के प्रति जागरूक करेंगे। वहीं उप कृषि निदेशक डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि जिले में फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। किसान पराली न जलाने के प्रति जागरूक हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग किसानों की भलाई के लिए लगातार प्रयासरत है।