Aaj Samaj (आज समाज), Crop Residue Management, पानीपत : फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर वीरवार को मुख्य सचिव संजीव कौशल व कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक डॉ. नरहरि सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपायुक्तों को एक्शन प्लान बनाने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि लोगों को फसलों के अवशेष न जलाने के प्रति प्रेरित करें। ज्यादा से ज्यादा लोगों को फसल प्रबंधन को लेकर सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से अवगत कराएं व फील्ड में जाकर फसल अवशेष प्रबंधन का जायजा लें।
- अधिकारी 15 दिन में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर करें समीक्षा बैठक
- पिछले वर्ष जिले में 66 प्रतिशत बर्निंग की घटनाओं में आई कमी: उपायुक्त
- फसल प्रबंधन को लेकर किसान उठाए प्रोत्साहन राशि का लाभ
किसानों को 1 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि
उपायुक्त वीरेन्द्र कुमार दहिया ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में 75 हजार पैडी का क्षेत्र है जिसमें 90 प्रतिशत पर बासमती व 10 प्रतिशत पर गैर-बासमती की खेती किसान करते हैं। उन्होंने बताया कि जिले में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर समय-समय पर बैठकों का आयोजन प्रशासन द्वारा किया जाता रहा है। पानीपत उन जिलों की श्रेणी से बाहर है जहां फसलों के अवशेष जलाएं जाते हैं। उपायुक्त ने बताया कि सरकार उन किसानों को 1 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देती है। जो किसान मेरा पानी मेरी विरासत के साथ जुडकर सुपर सीडर, हैपी सीडर, जीरो टेल की मशीनों का उपयोग करके अवशेषों को मिट्टी में दबाते हैं।
जिले में 66 प्रतिशत बर्निंग कम हुई
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 912 किसानों को 80 लाख 51 हजार रुपए की राशि प्रोत्साहन स्वरूप किसानों को दी गई थी। उन्होंने बताया कि 274 किसानों ने सरकार की योजना का लाभ लेकर फसल अवशेष प्रबंधन के तहत 274 मशीने प्राप्त करके योजना का लाभ लिया था। उन्होंने बताया कि जिले में 66 प्रतिशत बर्निंग कमी हुई है। इस मौका पर जिला परिषद के कार्यकारी अधिकारी विवेक चौधरी, कृषि विभाग के एसडीओ डॉ. देवेन्द्र कुहाड़, इंजीनियरिंग विभाग के सहायक सुधीर आदि मौके पर मौजूद थे।