अमरनाथ यात्रा के दौरान बादल फटा – बाल बाल बचे पार्षद लोकेश नागरू और पानीपत का जत्था 

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Panipat News/Councilor Lokesh Nagroo and his family came out from the Amarnath cave and a minute later the cloud burst.
Panipat News/Councilor Lokesh Nagroo and his family came out from the Amarnath cave and a minute later the cloud burst.
आज समाज डिजिटल, Panipat News :
पानीपत। पानीपत जिला के पार्षद लोकेश नागरू और उनका परिवार अमरनाथ गुफा से दर्शन करके निकले और एक मिनट बाद बादल फट गया। हालांकि पार्षद और उनका परिवार सुरक्षित है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक इस हादसे में 16 लोगों की जान चली गई और 45 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। पार्षद और उनके परिवार के साथ पानीपत जिला का एक जत्था वहां फंस गया है। पानीपत से लंगर सेवा के लिए ओम सेवा समिति चेयरमैन दीपक वडेरा, प्रधान हरिंद्र उर्फ लवली बवेजा, मीडिया प्रभारी चांद समेत करीब 20-22 लोग गए हुए हैं। सभी सुरक्षित हैं और वे दोपहर बाद तक समिति के टेंट में पहुंच गए।

आंखों के सामने देखा मौत का मंजर

मीडिया प्रभारी चांद ने बताया कि पानीपत के वार्ड 20 के पार्षद लोकेश नागरू और उनका परिवार भी उन्हीं के साथ है। शुक्रवार को पार्षद परिवार सहित गुफा से बाबा बर्फानी के दर्शन कर बाहर आए। यहां आने के बाद उन्होंने परिवार के साथ फोटो खिंचवाई और आगे घूमने के लिए चले गए। अभी उन्हें वहां से गए सिर्फ 1 ही मिनट हुआ था कि उस जगह अचानक बादल फट गए। जिसके बाद भगदड़ मच गई। चंद सेकेंड में ही टेंट पानी में बहते नजर आने लगे। भगदड़ में कुछ लोग नीचे गिर गए, कुछ पानी के साथ बहते हुए आगे जाते दिखाई देने लगे।

 

Panipat News/Councilor Lokesh Nagroo and his family came out from the Amarnath cave and a minute later the cloud burst.
Panipat News/Councilor Lokesh Nagroo and his family came out from the Amarnath cave and a minute later the cloud burst.

कुछ लोगों से नहीं हो रहा संपर्क

चांद ने बताया कि आपदा से पहले कुछ श्रद्धालु एक ही टेंट में थे, जबकि कई ऊपर घूमने गए हुए थे। मगर सभी आपस में टेलीफोन के माध्यम से संपर्क में थे। हादसे के बाद से ऊपर घूमने गए 9 लोगों से एक बार भी संपर्क नहीं हो पाया है। देर रात तक उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई, जिस दौरान एक-दो से संपर्क हुआ। जिन्होंने बताया था कि ऊपर न ही लाइट है और न ही खाने इत्यादि की मात्रा पूरी है। ऊपर जीवन संकट में हैं। 7 लोगों से संपर्क नहीं हो पाया है। वहीं, समिति चेयरमैन दीपक वडेरा ने बताया कि जितने भी श्रद्धालु उनके साथ सेवा के लिए गए हैं, सभी सुरक्षित हैं। सभी से दोपहर बाद तक संपर्क हो गया। सभी समिति के टेंट में पहुंच गए।

लगातार सभी लोगों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं

समिति के मीडिया प्रभारी चांद से देर रात तक टेलीफोन पर बातचीत होती रही। सुबह 6 बजे उससे फिर बात कर हाल-चाल जानने का प्रयास किया गया, मगर उनका नंबर नहीं लगा। उनके साथ पार्षद लोकेश नागरु समेत कई अन्य लोगों को कॉल की गई, मगर सभी का फोन नॉट रिचेबल और स्विच ऑफ बताया गया। समिति के प्रधान हरिंद्र से लगातार बात हो रही है। उन्होंने बताया कि वे लगातार सभी लोगों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। कोशिशों में लगातार सफलता मिल रही है। मगर अभी तक सभी लोगों से संपर्क नहीं हो पाया है।

एनडीआरएफ लोगों के बचाव कार्य में जुट गया

आपदा के बाद जम्मू प्रशासन, अमरनाथ श्राइन बोर्ड और एनडीआरएफ लोगों के बचाव कार्य में जुट गया है। लोगों को बचाने के साथ-साथ उनके रहने-खाने की भी व्यवस्था की गई। इसी बीच पानीपत और करनाल सेवा मंडल भी एक हो गया। दोनों एक ही पंडाल के नीचे आ गए। वहां श्रद्धालुओं के लिए रुकने और खाने की व्यवस्था शुरू की गई। यहां अस्थाई विश्राम केंद्र बनाया गया।

डीसी सुशील ने श्रद्धालुओं के लिए मंगल कामना की

पानीपत के डीसी सुशील सारवान ने बताया कि उन्होंने अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड से संपर्क साधा हुआ है। वे लगातार पानीपत से गए श्रद्धालुओं के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। अभी तक जिला प्रशासन के पास किसी भी श्रद्धालु के लापता या अप्रिय घटना होने की सूचना नहीं आई है। डीसी ने पानीपत समेत वहां गए सभी श्रद्धालुओं के लिए मंगल कामना की है।

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