Ansal API And TDI : अंसल एपीआई और टीडीआई पानीपत में क्लोजर नोटिस की आड में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर भेजी शिकायत

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Panipat News/Complaint sent regarding corruption under the guise of closure notice in Ansal API and TDI Panipat
Panipat News/Complaint sent regarding corruption under the guise of closure notice in Ansal API and TDI Panipat
Aaj Samaj, (आज समाज), Ansal API & TDI, पानीपत : अंसल एपीआई और टीडीआई फरीदपुर पानीपत को हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एसटीपी प्लांट ना लगाने को लेकर क्लोजर नोटिस उपायुक्त, जिला राजस्व अधिकारी, तहसीलदार, जिला योजनाकार और बिजली बोर्ड को जारी किया गया, जिसमें स्पष्ट रूप से अंसल एपीआई और टीडीआई फरीदपुर में किसी भी प्रकार की जमीन की सेल परचेज पर पूरी तरह से रोक लगाने के आदेश और इसके साथ साथ जिला योजनाकार को इन स्थानों पर किसी भी भवन निर्माण पर पूरी तरीके से रोक लगाई गई थी।

अधिकारियों ने आंखें बंद करके रखी

लेकिन इन अधिकारियों द्वारा इस क्लोजर नोटिस को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पानीपत के रीजनल ऑफिसर, एसडीओ और जेई के साथ मिलीभगत करके अवसर में बदलने का कार्य किया और धड़ल्ले से इन स्थानों की रजिस्ट्री शुरू कर दी गई। जिसको लेकर जन आवाज सोसायटी द्वारा 14 फरवरी 2023 को उपायुक्त पानीपत को अंसल और टीडीआई की अवैध तरीके से रजिस्ट्रियां किए जाने को लेकर शिकायत दी गई थी, लेकिन इन अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। शिकायतकर्ता जोगेंद्र स्वामी ने कहा कि उसके बाद 29 मार्च 2023 को सुशील सारवन तत्कालीन उपायुक्त और रीजनल ऑफिसर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दोबारा शिकायत दी गई, लेकिन इतने बड़े भ्रष्टाचार के ऊपर इन अधिकारियों ने पूरी तरीके से आंखें बंद करके रखी।

भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों का साथ देने का कार्य किया

उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर कमल एसडीओ कुलदीप सिंह और जेई को शिकायत दी, लेकिन इनके द्वारा पूरी तरीके से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हमारा कार्य केवल नोटिस देने का है अब अगला कार्य तहसीलदार या जिनको नोटिस जारी हुए हैं उनको करना है। जबकि क्लोजर नोटिस को अमल में ना लाने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एनवायरमेंट न्यायालय या एनजीटी में अपील डाली जाती है, लेकिन इन अधिकारियों द्वारा अपने कर्तव्य का निर्वहन ना करते हुए इस भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों का साथ देने का कार्य किया।

नारकीय जीवन जीने पर मजबूर

उन्होंने कहा कि उनके द्वारा 21 जून 2022 को अंसल एपीआई के अंदर बिना ट्रीटमेंट के गंदा पानी अंसल में स्थित तालाब मे छोड़ा जा रहा है, जिससे वहां रहने वाले लोगों का बदबू से बुरा हाल है और आम नागरिक बिना एसटीपी प्लांट के वहां नारकीय जीवन जीने पर मजबूर है जिसके बाद 10 नवंबर 2022 को यहां क्लोजर नोटिस जारी किया गया। लेकिन इस क्लोजर नोटिस को इससे संबंधित अधिकारियों ने अपनी कमाई का साधन बना लिया। उन्होंने कहा कि अंसल एपीआई में तत्कालीन उपायुक्त और अंसल मैनेजर तेजिंदर पाल सिंह ने मिलीभगत करके अनडिटरमाइंड लैंड जिसको ग्रीनरी के लिए छोड़ना पड़ता है।

अधिकारियों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज कर कर तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए

जिसको किसी भी सूरत में खरीदा बेचा नहीं जा सकता और ना ही उस पर भवन बनाए जा सकते हैं, लेकिन उन्होंने सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बिना प्लानिंग के ही इस सरकारी भूमि को करोड़ों के भाव बेच दिया।जिसको लेकर उन्होंने 9 नवंबर 2022 को उपायुक्त को यूडीलैंड की रजिस्ट्रीओं सहित शिकायत दी गई थी, लेकिन इस सैकड़ों करोड़ के घोटाले को दबाने का कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि यह सार्वजनिक रूप से हरियाली के लिए छोड़ी जानी बनती थी, जोकि एनजीटी के दायरे में आती है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इस षड्यंत्र में शामिल अंसल एपीआई मैनेजर उसके मालिक टीडीआई फरीदपुर पानीपत के मैनेजर और मालिकों के साथ साथ इस भ्रष्टाचार में शामिल सभी अधिकारियों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज कर कर तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए।