आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। आगामी 2 मार्च के लिए 21 हजार ध्वज की तैयारियों में जुटे हजारों कारीगर वृंदावन ट्रस्ट पानीपत द्वारा आगामी 2 मार्च को चुलकाना धाम यात्रा में भक्तों के लिए 21 हजार ध्वज का निर्माण कार्य निपुण कारीगरों के माध्यम से किया जा रहा है। संस्था के ध्वज संयोजक बलदेव गांधी व पुनीत गर्ग ने बताया कि गुजरात प्रदेश के सूरत में ध्वज का प्रिंटिंग कार्य निरंतर दिन-रात चल रहा है। उसके पश्चात हथकरघा शिल्पकार महिलाएं ध्वज के चारों ओर आकर्षक लेस लगाने का कार्य भी गुजरात में ही हो रहा है। पानीपत में यह ध्वज बड़ी लाठी में पिरो कर पवित्र धागे द्वारा फिक्स किए जा रहे हैं। टेप लगाकर ध्वजा को सुगमता से पकड़ा जा सके इसकी भी व्यवस्था की जा रही है।
ध्वज चढ़ाने का महत्व
ऐसा माना जाता है कि पैदल निशान यात्रा करके बाबा को निशान चढ़ाने से शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करते हैं। सनातन संस्कृति में ध्वज को विजय का प्रतीक माना जाता है। बाबा श्याम द्वारा दिए गए बलिदान शीश दान के लिए उन्हें निशान चढ़ाया जाता है। यह उनकी विजय का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि उन्होंने धर्म की जीत के लिए अपना शीश भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित किया। निशान केसरी नीला सफेद पीले रंग का निशान होता है। इन निशानों पर भगवान श्री कृष्ण की और श्याम बाबा की फोटो लगी होती है। कुछ निशानों में नारियल और मोरपंखी के भी सजी होती है। निशान यात्रा में नंगे पांव चलना अति उत्तम माना गया है। अपना निशान बाबा के चरणों में समर्पित करते हुए बाबा की असीम कृपा प्राप्त होती है।