यो सिनेमाघर कोन्‍या, जंग के मैदान में गोली भी चलेगी, मरना भी पड़ेगा

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Panipat News/Chalo Theater Festival in Piet
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  • पाइट में चलो थियेटर उत्‍सव, रेजांगला देख दर्शकों के आंसू छलके
आज समाज डिजिटल
पानीपत (समालखा ) – अरे रामचंद्र। यो सिनेमाघर तो है कोन्‍या। जंग का मैदान है। यहां तो गोली भी चलेगी। मरना भी पड़ेगा। भारतीय सेना के मेजर शैतान सिंह यह कहते-कहते देश की रक्षा करते हुए सर्वोच्‍च बलिदान दे गए। भारत और चीन के बीच 1962 में हुए युद्ध में रेजांगला की कहानी सदियों तक याद रखी जाएगी। भारतीय जवानों ने ऐसा शौर्य दिखाया कि हजारों चीनियों को मार गिराया। चंद भारतीय सैनिकों ने आखिरी सांस तक रेजांगला तक जंग लड़ी। पाइट कॉलेज में यही कहानी चलो थियेटर महोत्‍सव के दौरान दिखाई गई। इसका निर्देशन रास कला मंच के निदेशक रवि मोहन ने किया।

बलिदान होने वाले जवानों का ऋण कभी नहीं उतारा जा सकता

थियेटर उत्‍सव के तीसरे दिन का चेयरमैन हरिओम तायल, सचिव सुरेश तायल व डीन डॉ.बीबी शर्मा ने दीप प्रज्‍वलन के साथ शुभारंभ किया। सुरेश तायल ने कहा कि देश पर बलिदान होने वाले जवानों का ऋण कभी नहीं उतारा जा सकता। हम इन्‍हीं की बदौलत आजादी की सांस ले रहे हैं। हरिओम तायल ने कहा कि स्‍कूल व कॉलेजों में बलिदानियों की कहानियां पढ़ाई जानी चाहिए। रवि मोहन ने कहा कि बलिदान दिवस पर रेजांगला नाटक का मंचन किया गया। पाइट कॉलेज, भारत सरकार के संस्‍कृति मंत्रालय, हरियाणा कला परिषद व गीता सरोवर पोर्टिको का सहयोग रहा।

कथानक – मेजर शैतान सिंह ने संभाला मोर्चा, लहू के आखिरी कतरे तक डटे रहे

कहानी शुरू होती है रेजांगला के बर्फीले पहाड़ से। यहां 13 कुमायूं बटालियन देश की सरहद की रक्षा के लिए तैनात है। करीब 112 सैनिक यहां तैनात होते हैं। रात के समय चीन की तरफ से हमला हो जाता है। भारत के सात सैनिक ही बचते हैं। बेस कैंप से आदेश आता है कि भारतीय सैनिक वापस लौट सकते हैं। लेकिन मेजर और उनकी टीम तय करती है कि आखिरी सांस तक रेजांगला की रक्षा करेंगे। लहू का आखिरी कतरा बहा देते हैं। कहानी का अंत होते-होते दर्शकों की आंखें नम हो गईं। भारत माता की जय से पूरा हॉल गूंज उठा। मेजर शैतान सिंह की भूमिका ऋषिकांत ने, निहाल सिंह की शुभम राजपूत ने, दयाराम की अतुल ने, सिंहराम की बिक्रम ने, सतपाल सिंह की शिवांग चौबे ने, जयराम की पुनीत ने, रामचंद्र की विभोर जैन ने, धर्मपाल की अनुराग ने निभाई।

आज गालिब का मंचन

शुक्रवार को गालिब नाटक का मंचन किया जाएगा। गालिब के जीवन के बारे में बताया जाएगा।