आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत: हमारे वेद व पुराणों में जल को पवित्र माना गया है। उसी पवित्र जल को नागरिक खुद ही गंदा करने में लगे हैं। अधिकतर नागरिक नहर में विभिन्न मूर्तियां व पूजा सामग्री का विसर्जन कर रहे हैं। हरियाणा कैनल एंड ड्रेनेज एक्ट 1974 के तहत ऐसा करना कानूनी तौर पर गलत है। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ऐसा कृत्य करने वालों के खिलाफ अब एफआईआर दर्ज कराएगा। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के कार्यकारी अभियंता सुरेश सैनी ने बताया कि जिला के अधीन जितनी भी नहरें आती हैं उन सभी नहरों से क्षेत्र के वाटर वर्क्स टैंक एवं जोहड़ों को पानी से भरा जाता है, ताकि क्षेत्र में पीने के पानी की आपूर्ति हो सके।
वेदों में नहीं लिखा कि पूजा सामग्री का पानी में विसर्जन किया जाए
कुछ लोग दीपावली के त्यौहार के आस – पास अपने घरों की सफाई करके देवी, देवताओं की फोटो, मूर्तियां एवं हवन सामग्री नहर में बहाते हैं। यह कानूनन रूप से गलत है। उन्होंने बताया कि विभाग ने फील्ड के सभी कर्मचारियों को आदेश जारी कर दिए हैं। यदि कोई भी व्यक्ति नहर में कचरा एवं हवन सामग्री इत्यादि गिराता हुआ पकड़ा गया तो उसके खिलाफ तुरंत मामला दर्ज करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि हमारे वेदों में नहीं लिखा कि पूजा सामग्री का पानी में विसर्जन किया जाए। यह केवल लोकमत है और धर्म के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि जल पवित्र माना गया है। इसलिए पूजा सामग्री को गड्ढा खोदकर जमीन में दबा देना चाहिए।
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